rajesh khanna
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बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) का आज जन्मदिन है। राजेश खन्ना ने 1969 से 1971 के बीच लगातार 17 ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं, जिसके बाद वे हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार कहलाए। उनका ये रिकॉर्ड आज भी कोई नहीं तोड़ पाया है। राजेश खन्ना ने अपने दौर में ऐसा स्टारडम देखा है, जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। चेतन आनंद की फिल्म ‘आखिरी खत’ (1966) से साथ अपना डेब्यू करने वाले राजेश खन्ना को कभी बॉक्स ऑफिस का सबसे भरोसेमंद कलाकार माना जाता था।
राजेश खन्ना
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अपनी प्रेम कहानियों के अलावा राजेश खन्ना अपने बंगले को लेकर भी सुर्खियों में खूब छाए रहे। राजेश खन्ना के बंगले का नाम आशीर्वाद था। ये वही बंगला था जो पहले भूत बंगले के नाम से मशहूर था और राजेंद्र कुमार ने इसे 60 हजार में खरीदा था। इसी बंगले में आने के बाद राजेंद्र कुमार की किस्मत चमक गई। राजेंद्र कुमार ने अपने इस बंगले का नाम ‘डिंपल’ रखा था। ऐसे में काका को भी ये बंगला भा गया। उन्हें लगा कि इस बंगले में आने के बाद ही राजेंद्र कुमार जुबली कुमार बने।
राजेश खन्ना
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राजेंद्र इस बंगले को बेचना नहीं चाहते थे लेकिन राजेश खन्ना ने इसे खरीदने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी। राजेश खन्ना को ये लगने लगा कि उनकी किस्मत भी इस बंगले में शिफ्ट होते ही चमक जाएगी। और ऐसा हुआ भी, जब राजेश खन्ना इस बंगले में शिफ्ट हुए तो उनकी हर फिल्म हिट होने लगी। काका ने इस बंगले का नाम आशीर्वाद रखा।
यह बंगला राजेश खन्ना की सफलता का गवाह बना। लड़कियां राजेश खन्ना की एक झलक पाने के लिए बंगले के बाहर घंटों खड़ी रहती थीं। हजारों फैंस की भीड़ देख राजेश खन्ना अपनी बालकनी में आकर फैंस का अभिवादन करते थे। राजेश खन्ना को अपनी फिल्म में लेने के लिए प्रोड्यूसर्स ने इसी बंगले के चक्कर काटे। यह बंगला अपनी मेहमान नवाजी के लिए मशहूर हो गया। राजेश खन्ना जब डिंपल को ब्याहने गए तो उनकी बारात भी इसी बंगले से निकली।
राजेश खन्ना अपने यहां आए मेहमानों की भी खूब खातिरदारी करते थे। उनके घर पर हर शाम महमिल जमा करती थी। देर रात तक पार्टी चला करती थी। इस वजह से वो हर ही रोज शूटिंग पर बहुत देर से पहुंचते थे। हालांकि काका इतने बड़े सुपरस्टार थे कि उन्हें डांटने की हिम्मत किसी में नहीं हुई।