बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Tue, 01 Feb 2022 11:31 AM IST
सार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रेलवे के नेटवर्क का पोस्टल नेटवर्क के साथ एकीकरण किया जाएगा। एक स्टेशन एक उत्पाद की अवधारणा के जरिए स्थानीय व्यापार और सप्लाई चेन की बेहतरी की कोशिश की जाएगी।
वंदे भारत ट्रेन
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया। इसमें वित्त मंत्री ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास से जुड़े कई बड़े एलान किए। साथ ही रेलवे व्यवस्था को बेहतर करने के लिए हाई-स्पीड ट्रेनों के प्रसार की बड़ी घोषणा की। इनमें एक बड़ा एलान भारत की मौजूदा सबसे तेज वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ाने का भी रहा। सीतारमण ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत अगले तीन साल में 400 नई जेनरेशन की वंदे भारत ट्रेनों को विकसित किया जाएगा। यह ट्रेनें बेहतर ऊर्जा दक्षता (एनर्जी एफिशियंट) वाली होंगी। इनमें यात्रियों के सफर का अनुभव भी बेहतर बनाया जाएगा।
छोटे किसानों-उद्यमों के उत्पादों को बढ़ावा देने का काम करेगा रेलवे
वित्त मंत्री ने रेलवे से जुड़े अपने एक और एलान में कहा, “रेलवे आने वाले समय में छोटे किसानों और छोटे उद्यमों के नए उत्पादों को तैयार करने और बेहतर लॉजिस्टिक मुहैया कराने का काम करेगा। अगले तीन वर्षों में 100 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे, ताकि लॉजिस्टिक की व्यवस्था को बेहतर किया जा सके।”
एक स्टेशन-एक उत्पाद की अवधारणा को दिया जाएगा बढ़ावा
“रेलवे आने वाले समय में नए उत्पाद की तैयारी और उनके प्रसार में काम करेगा। रेलवे के नेटवर्क के पोस्टल नेटवर्क के साथ एकीकरण के जरिए पार्सल की आवाजाही को सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा एक स्टेशन-एक उत्पाद की अवधारणा के जरिए स्थानीय व्यापार और सप्लाई चेन की बेहतरी की कोशिश की जाएगी।”
रेलवे की सुरक्षा और क्षमता बढ़ाई जाएगी
2022-23 में दो हजार किमी के रेलवे नेटवर्क को ‘कवच’ के अंतर्गत लाया जाएगा। यह स्वदेशी विश्वस्तरीय तकनीक है, जिसके जरिए सुरक्षा और क्षमता दोनों को बढ़ाने का काम होगा।
शहरों में मेट्रो सिस्टम को बेहतर तरीके से लाया जाएगा
इसके अलावा मेट्रो सिस्टम को बेहतर करने के लिए नवीन तरीके लागू किए जाएंगे। रेलवे स्टेशन और शहरी परिवहन के बीच मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को प्राथमिकता से बढ़ावा दिया जाएगा। भारत की स्थितियों और जरूरतों के तहत नए मेट्रो सिस्टम भी तैयार किए जाएंगे।