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Puja Path: आरती के बिना अधूरी मानी जाती है पूजा, यहां जानिए क्या है आरती करने की सही विधि

ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला
Published by: शशि सिंह
Updated Sun, 28 Nov 2021 04:58 PM IST

पूजा पाठ करते समय आरती के नियम (प्रतीकात्मक तस्वीर)
– फोटो : istock

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हिंदू धर्म में पूजा-पाठ को लेकर बहुत सारे नियम बताए गए हैं। इन्हीं में से एक होता है देवी-देवताओं की आरती करना। हर धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण होने पर संबंधित देवी-देवता की आरती अवश्य की जाती है। माना जाता है कि यदि आरती न की जाए तो पूजन अधूरा रहता है। हिंदू धर्म में इष्ट देव को प्रसन्न करने के लिए पूजन के अंत में आरती गाकर उनकी स्तुति की जाती है। माना जाता है कि इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। जब हम आरती करते हैं तो जानकारी के अभाव में हम सही प्रकार से आरती नहीं करते हैं। आरती से संबंधित भी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। इन बातों को आरती करते समय ध्यान में रखना आवश्यक होता है। तो चलिए जानते हैं आरती करने की सही विधि।

  • सनातन धर्म में ब्रह्म मुहूर्त और गोधूलि बेला पूजन के लिए उपयुक्त बताए गए हैं इसलिए सुबह और शाम प्रतिदिन आरती करनी चाहिए।
  • आरती करने के लिए जो दीपक प्रज्वलित किया है उसमें बातियों की संख्या एक, पांच या सात रखी जा सकती है।
  • जब आप आरती करते हैं तो उस समय थाली या दीपक भी सही प्रकार से क्रम में घुमाना चाहिए।
  • सबसे पहले आराध्य के चरणों की तरफ चार बार, फिर नाभि की तरफ दो बार और सबसे बाद में एक बार मुख की तरफ आरती घुमानी चाहिए। इस प्रकार से सात बार आरती घुमानी चाहिए।
  • आरती करते समय ऊं की आकृति बनाते हुए थाली या दीपक को घुमाना चाहिए।
  • आरती का दीपक या थाली हमेशा दोनों हाथों से पकड़ना चाहिए।
  • आरती के पश्चात उस पर जल फेरना चाहिए और फिर सभी के ऊपर भी जल छिड़कना चाहिए।
  • आरती के गाते समय उच्चारण स्पष्ट और लयबद्ध होना चाहिए।
  • पूजा-पाठ में आरती हमेशा खड़े होकर करना चाहिए। यदि किसी कारण से खड़े नहीं हो सकते तब उस स्थिति में बैठकर भी आरती कर सकते हैं।

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