जिंदगी में कभी-कभी ऐसा भी समय आता है जब अचानक से पैसों की जरूरत पड़ जाती है। ऐसे में अचानक से जरूरत पड़ जाने पर पर्सनल लोन बहुत काम का साबित होता है। वित्तीय संकट में ये बेहतर विकल्प माना जाता है। सबसे बड़ी बात ये है कि इसके लिए आपको किसी भी तरह की गारंटी या सिक्योरिटी देने की जरूरत नहीं पड़ती है। यानी आप बिना कुछ गिरवी रखे भी पर्सनल लोन उठा सकते हैं। इसमें गोल्ड और होम लोन की तरह कोई कोलेटेरल या सिक्योरिटी जमा नहीं करनी पड़ती है। बाकी लोन की तुलना में पर्सनल लोन का इस्तेमाल आप किसी भी उद्देश्य के लिए कर सकते हैं। जैसे- घर बनवाना हो, वाहन खरीदने के लिए या फिर इलाज के लिए। अगर आप भी पर्सनल लोन के लिए सोच रहे हैं, तो सबसे पहले कुछ गलतियों के बारे में जान लीजिए, ताकि लोन लेते समय या बाद में आपको कोई नुकसान न हो। आइए जानते हैं…
कम ब्याज दर वाले बैंक का चुनाव
- लोन लेने से पहले आप अच्छे से रिसर्च कर लीजिए। कुछ बैंक शाखाओं में जाकर इसका पता कर सकते हैं या फिर लोन एग्रीगेटर वेबसाइटों पर भी पता कर सकते हैं कि सबसे कम ब्याज दर पर पर्सनल लोन कौन दे रहा है।
क्रेडिट हिस्ट्री का रखें ध्यान
- किसी को भी पर्सनल लोन देते वक्त बैंक उसकी क्रेडिट हिस्ट्री भी देखते हैं। कई बार लोग ज्यादा बैंकों या एनबीएफसी के पास जाते हैं तो ऐसे में उन्हें ज्यादा जरूरतमंद समझा जाता है। इसका आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर नकारात्मक असर पड़ता है।
ईएमआई का पता करें
- आपको जितना लोन चाहिए उसकी ईएमआई के बारे में जरूर पता कर लें। ये बैंक साइट पर मौजूदा ईएमआई कैलकुलेटर से पता किया जा सकता है। इसके अलावा बैंक ब्रांच से इसका हिसाब लगवा सकते हैं।
फ्लैट रेट से बचें
- फ्लैट रेट के चक्कर में कभी भी मत पड़िए। ये ग्राहक को गुमराह करने वाली स्ट्रेटजी है। फ्लैट रेट से ये पता नहीं चलता कि आपका लोन कितना महंगा पड़ रहा है।
