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Pegasus Spyware: भारत में विवाद उभरने के बाद आया पेगासस बनाने वाली कंपनी का बयान, जानें क्या कहा…

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, येरुशलम
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Sun, 30 Jan 2022 06:04 PM IST

सार

इस्राइल की इस निजी कंपनी ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है। साथ ही अपने पेगासस स्पाईवेयर प्रोग्राम को लेकर की जा रही आलोचना को भी पाखंड करार दिया। 

पेगासस को लेकर उभर रहे विवाद।
– फोटो : Amar Ujala

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विस्तार

भारत में पेगासस स्पाईवेयर को लेकर हुए खुलासे ने एक बार फिर राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। अब इस जासूसी सॉफ्टवेयर को लेकर उठे विवाद पर इसकी निर्माता कंपनी एनएसओ (NSO Group) का बयान आया है। दरअसल, हाल ही में अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने खुलासा किया था कि भारत सरकार ने इस्राइल से पेगासस स्पाईवेयर खरीदा है। इसे लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरा है। हालांकि, अब एनएसओ ने इस पूरे खुलासे को लेकर बयान जारी किया है। 

एनएसओ के बयान में क्या?

इस्राइल की इस निजी कंपनी ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है। साथ ही अपने पेगासस स्पाईवेयर प्रोग्राम को लेकर की जा रही आलोचना को भी पाखंड करार दिया। गौरतलब है कि कंपनी पर आरोप लगा है उसका स्पाईवेयर सैन्य स्तर का हथियार है और इसे कथित तौर पर वैश्विक स्तर पर गलत इस्तेमाल के लिए दूसरों द्वारा बेचा जा रहा है। 

एनएसओ ग्रुप के सीईओ शालेव हुलियो ने इस्राइल के चैनल 12 को दिए इंटरव्यू में अपनी कंपनी का बचाव किया और माना कि पिछले कुछ साल में गलतियां हुई हैं। हालांकि, उन्होंने एनएसओ के किसी भी गलत काम से जुड़े होने से इनकार किया और कहा कि मैं रात की नींद पूरे सुकून से लेता हूं। 

‘अमेरिका हथियार बेचे तो ठीक, हम जासूसी सॉफ्टवेयर बेचें तो गलत’

उन्होंने कहा, “हमने अपना स्पाईवेयर किसी एक ऐसे देश को नहीं बेचा, जिसे अमेरिका अपने हथियार न बेचता हो। इसलिए ये थोड़ा पाखंड की तरह है कि किसी देश को फाइटर जेट एफ-35, टैंक और ड्रोन बेचना ठीक है, लेकिन जासूसी से जुड़े उपकरण बेचना गलत है।” हुलियो ने यह भी बताया कि उनके पास इस तकनीक के लिए 90 क्लाइंट्स ने संपर्क किया, लेकिन उन्होंने नियमों के मुताबिक, सिर्फ 40 उपभोक्ताओं को ही ये तकनीक दी। 

‘उम्मीद है अमेरिका जल्द हटाएगा कंपनी पर लगे प्रतिबंध’

अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय द्वारा पिछले साल नवंबर में कंपनी को काली सूची में डाले जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह एक ‘आक्रोश’ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सूची को शीघ्र हटा लिया जाएगा। अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारी प्रौद्योगिकी ने पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका के हितों व राष्ट्रीय सुरक्षा में भी मदद की है।’’ अमेरिकी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के उलट काम करने को लेकर पिछले साल नवंबर में एनएसओ समूह और इसकी विवादास्पद पेगासस प्रौद्योगिकी को अमेरिका के वाणिज्य मंत्रालय ने काली सूची में डाल दिया था।

‘फ्रांस के राष्ट्रपति की जासूसी में नहीं हुआ पेगासस का इस्तेमाल’

हुलियो ने साक्षात्कार में इस बात से भी इनकार किया कि पेगासस का इस्तेमाल फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के फोन को हैक करने में किया गया था। उन्होंने कंपनी के उत्पादों का इस्तांबुल में सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या से संबंध होने से भी इनकार किया। यह पूछे जाने पर कि क्या एनएसओ समूह ने अपनी स्थापना के बाद से गलतियां की हैं, उन्होंने कहा, ‘‘12 साल की अवधि में यह असंभव है कि आप गलती नहीं करें।’’ हालांकि, उन्होंने उनका ब्योरा नहीं दिया।

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