देश में एक बार फिर पेगासस स्पाईवेयर को लेकर काफी चर्चा हो रही है। हाल ही में पेगासस स्पाईवेयर को लेकर कई खुलासे हुए हैं, जिनको लेकर विपक्षी दल लगातार सरकार पर निशाना साध रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पांच साल पहले भारत सरकार द्वारा इस्राइल के साथ दो अरब डॉलर (करीब 15 हजार करोड़ रुपये) का रक्षा सौदा किया गया था। इसके साथ ही पेगासस स्पाईवेयर की खरीद भी की थी। इस रक्षा डील में भारत ने कुछ हथियारों के साथ एक मिसाइल सिस्टम भी खरीदा था। भारत में इस स्पाईवेयर के जरिए विपक्षी दल के कई नेताओं, पत्रकारों व एक्टिविस्ट की जासूसी करने की बात सामने आ रही है। ऐसे में देश में पेगासस स्पाईवेयर को लेकर काफी हलचल मची हुई है। ये स्पाईवेयर बेहद खतरनाक है। इससे व्हाट्सएप जैसे सिक्योर एप को भी हैक किया जा सकता है। दरअसल, पेगासस जासूसी करने वाला एक सॉफ्टवेयर है। आइए जानते हैं ये कैसे काम करता है?
क्या है पेगासस स्पाईवेयर
- दरअसल, इस सॉफ्टवेयर को इस्राइल की कंपनी एनएसओ ग्रुप ने बनाया है। इसे बिना बताए किसी भी लक्षित आदमी के फोन, लैपटॉप या कंप्यूटर में इंस्टॉल किया जा सकता है। इंस्टॉल किए जाने के बाद ये स्पाईवेयर उस शख्स पर पूरी तरह नजर रखने लगता है।
- ये सॉफ्टवेयर डिवाइस का सारा पर्सनल डाटा चुराकर थर्ड पार्टी को डिलीवर कर देता है। इस स्पाईवेयर को आतंकियों और क्रिमिनल्स पर नजर रखने के मकसद से बनाया गया था।
कैसे काम करता हैै ये स्पाईवेयर
- एक्सपर्ट्स की मानें तो पेगासस स्पाईवेयर बहुत आसानी से व्हाट्सएप की एक मिस्ड कॉल के जरिए फोन में इंस्टॉल कर दिया जाता है। वहीं आईफोन में ये आईमैसेज के जरिए इंस्टॉल हो जाता है। इतना ही नहीं ये स्पाईवेयर इतना खतरनाक है कि ये जीरो क्लिक मैथड के जरिए इंस्टॉल हो जाता है। मतलब बिना किसी लिंक पर क्लिक किए ये डिवाइस में आ जाता है। मैसेज को डिलीट कर देने पर भी इससे बचा नहीं जा सकता।
- इस स्पाईवेयर से आपके फोन में मौजूद सारी जानकारी किसी तीसरे व्यक्ति के पास चली जाती है। इतना ही नहीं ये आपके डिवाइस के माइक व कमैरा को खुद ही ऑन कर सकता है।
