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Paralympic Awards: गोल्ड मेडलिस्ट शूटर अवनि लेखरा ने बेस्ट फीमेल डेब्यू का खिताब जीता
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Thu, 16 Dec 2021 11:34 PM IST
सार
साल 2012 में महज 12 साल की उम्र में अवनि लेखरा की जिंदगी उस समय बदल गई जब एक दुर्घटना के चलते उन्हें पैरालिसिस का शिकार होना पड़ा।
अवनि लेखरा
– फोटो : social media
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मेहनत कर पांच साल में बदली जिंदगी
अवनि को चलने के लिए व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ गया। लेकिन अवनि ने हार नहीं मानी और आगे बढ़ने को ठान लिया। दुर्घटना के महज तीन साल बाद ही अवनी ने शूटिंग को अपनी जिंदगी बनाया और महज पांच साल के भीतर ही अवनी ने गोल्डन गर्ल का तमगा हासिल कर लिया।
टोक्यो पैरालंपिक्स में जीता था गोल्ड
टोक्यो पैरालंपिक्स में अवनि ने महिलाओं की 10 मीटर एयर स्पर्धा एसएच-1 कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीता था। इसके साथ ही उन्होंने पैरालंपिक गेम्स का रिकॉर्ड भी तोड़ा था और विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की थी। इसके अलावा अवनि ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन स्टैंडिंग एसएच1 इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
अवनि ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए
अवनि पैरालंपिक गेम्स में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बन गईं। इस साल उन्हें मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से भी नवाजा गया। यह भारत का सर्वोच्च खेल अवॉर्ड है। बेस्ट फीमेल डेब्यू अवॉर्ड के बाद पैरालंपिक गेम्स के ट्विटर हैंडल पर अवनि का एक वीडियो भी शेयर किया गया।
खिताब जीतने के बाद अवनि ने क्या कहा
इसमें उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह खिताब जीतना सम्मान की बात है। मेरा फोकस हमेशा से अपना सर्वश्रेष्ठ देने का रहा है। मैं देश के लिए ज्यादा से ज्यादा मेडल जीतना चाहती हूं। मैं यह साबित करना चाहती हूं कि कठिन परिश्रम, समर्पण और जुनून से कुछ भी हासिल करना संभव है।
गोल्ड मेडल पर क्या बोलीं अवनि
पैरालंपिक गोल्ड मेडल को लेकर अवनि ने कहा कि मेरे लिए वह सपना सच होने जैसा था। जब मैं भारत वापस लौटी तो काफी लगों से मिली। मैं अपने स्कूल गई और बच्चों से मिली। बच्चों ने मुझसे कहा कि मैं उनके लिए प्रेरणा हूं। साथ ही यह भी बताया कि मेरी तरह वह स्पोर्ट्स को अपना करियर बनाना चाहते हैं। वह अद्भुत पल था, लेकिन सफलता के साथ बहुत सारी जिम्मेदारी आती है।
पैरालंपिक गेम्स में भारत का शानदार प्रदर्शन
भारत ने पैरालंपिक गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया था। भारतीय दल ने गेम्स में 19 मेडल जीते थे। इसमें पांच गोल्ड, आठ सिल्वर और छह ब्रॉन्ज मेडल शामिल है। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक्स में भी भारत का प्रदर्शन शानदार रहा था। भारत ने उसमें एक गोल्ड समेत कुल सात मेडल जीते थे।
विस्तार
भारत की स्टार शूटर अवनि लेखरा को गुरुवार को पैरालंपिक अवॉर्ड्स 2021 में बेस्ट फीमेल डेब्यू के खिताब से नवाजा गया। अवनि ने टोक्यो पैरालंपिक गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। 20 साल की अवनि जयपुर की रहने वाली हैं। साल 2012 में महज 12 साल की उम्र में अवनि लेखरा की जिंदगी उस समय बदल गई जब एक दुर्घटना के चलते उन्हें पैरालिसिस का शिकार होना पड़ा।
मेहनत कर पांच साल में बदली जिंदगी
अवनि को चलने के लिए व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ गया। लेकिन अवनि ने हार नहीं मानी और आगे बढ़ने को ठान लिया। दुर्घटना के महज तीन साल बाद ही अवनी ने शूटिंग को अपनी जिंदगी बनाया और महज पांच साल के भीतर ही अवनी ने गोल्डन गर्ल का तमगा हासिल कर लिया।
टोक्यो पैरालंपिक्स में जीता था गोल्ड
टोक्यो पैरालंपिक्स में अवनि ने महिलाओं की 10 मीटर एयर स्पर्धा एसएच-1 कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीता था। इसके साथ ही उन्होंने पैरालंपिक गेम्स का रिकॉर्ड भी तोड़ा था और विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की थी। इसके अलावा अवनि ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन स्टैंडिंग एसएच1 इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
अवनि ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए
अवनि पैरालंपिक गेम्स में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बन गईं। इस साल उन्हें मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से भी नवाजा गया। यह भारत का सर्वोच्च खेल अवॉर्ड है। बेस्ट फीमेल डेब्यू अवॉर्ड के बाद पैरालंपिक गेम्स के ट्विटर हैंडल पर अवनि का एक वीडियो भी शेयर किया गया।
खिताब जीतने के बाद अवनि ने क्या कहा
इसमें उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह खिताब जीतना सम्मान की बात है। मेरा फोकस हमेशा से अपना सर्वश्रेष्ठ देने का रहा है। मैं देश के लिए ज्यादा से ज्यादा मेडल जीतना चाहती हूं। मैं यह साबित करना चाहती हूं कि कठिन परिश्रम, समर्पण और जुनून से कुछ भी हासिल करना संभव है।
गोल्ड मेडल पर क्या बोलीं अवनि
पैरालंपिक गोल्ड मेडल को लेकर अवनि ने कहा कि मेरे लिए वह सपना सच होने जैसा था। जब मैं भारत वापस लौटी तो काफी लगों से मिली। मैं अपने स्कूल गई और बच्चों से मिली। बच्चों ने मुझसे कहा कि मैं उनके लिए प्रेरणा हूं। साथ ही यह भी बताया कि मेरी तरह वह स्पोर्ट्स को अपना करियर बनाना चाहते हैं। वह अद्भुत पल था, लेकिन सफलता के साथ बहुत सारी जिम्मेदारी आती है।
पैरालंपिक गेम्स में भारत का शानदार प्रदर्शन
भारत ने पैरालंपिक गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया था। भारतीय दल ने गेम्स में 19 मेडल जीते थे। इसमें पांच गोल्ड, आठ सिल्वर और छह ब्रॉन्ज मेडल शामिल है। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक्स में भी भारत का प्रदर्शन शानदार रहा था। भारत ने उसमें एक गोल्ड समेत कुल सात मेडल जीते थे।