माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला को कौन नहीं जानता? उन्हें इस बार देश के तीसरे सर्वोच्च नगारिक पुरुस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। भारत रत्न और पद्म विभूषण के बाद पद्म भूषण देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरुस्कार है। इसी कड़ी में आज हम सत्य नडेला के जीवन के बारे में जानेंगे। सत्य नरायण नडेला का जन्म 19 अगस्त 1967 को हैदराबाद में हुआ था। उनके पिता 1962 बैच के एक आईएएस ऑफिसर थे। वहीं उनकी मां प्रभावति एक संस्कृति लेक्चरार थीं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हैदराबाद से ली। उसके बाद मनीपाल इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग कॉलेज से साल 1988 में उन्होंने इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग किया। इसके बाद सत्य नडेला अपनी आगे की पढ़ाई के लिए US में चले गए। वहां पर उन्होंने University of wisconsoon madison से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की। उसके बाद साल 1997 में सत्य नडेला ने University of chicago Booth से एमबीए की डिग्री हासिल की।
इस दौर में माइक्रोसॉफ्ट एक कामयाब कंपनी बन गई थी। बिल गेट्स के नेतृत्व में कपनी ऊंचाइयों के नए आयामों को छू रही थी। इसी बीच सत्य नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट को जॉइन किया। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करने के लिए उन्हें कंपनी में शामिल किया गया था।
उनके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए सत्य नडेला को साल 1999 में माइक्रोसॉफ्ट के सेंट्रल स्माल बिजनेस सर्विस का उपाध्यक्ष बनाया गया। इस पद पर उन्होंने करीब 8 साल तक काम किया। वहीं साल 2000 में कंपनी के सीईओ और फाउंडर बिल गेट्स ने अचानक सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद कंपनी के नए सीईओ पद पर Steve Ballmer को नियुक्त किया गया।
Steve Ballmer को कंपनी का नया सीईओ बनाते वक्त कई तरह की अड़चन सामने आ रही थी। स्टीव, बिल गेट्स की तरह टेक्निकल इंसान नहीं थे। अपने 14 साल के कार्यकाल के दौरान स्टीव ने कुछ ऐसे निर्णय लिए, जिसके चलते कंपनी को काफी नुकसान हुआ। स्टीव के कार्यकाल के दौरान माइक्रोसॉफ्ट के कस्टमर भी कंपनी से दूर हो रहे थे।
इसके बाद सत्य नडेला की बेहतरीन परफॉर्मेंस और उनकी कार्यक्षमता को देखते हुए साल 2014 में उन्हें माइक्रोसॉफ्ट का नया सीईओ बनाया गया। सत्य नडेला माइक्रोसॉफ्ट के तीसरे सीईओ थे। उनके नेतृत्व में कंपनी ने कई बड़ी सफलता हासिल की। साल 2014 में जहां माइक्रोसॉफ्ट का मार्केट कैप 315 बिलियन डॉलर था। वहीं आज इस कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 2.17 ट्रिलियन यूएस डॉलर हो गया है। माइक्रोसॉफ्ट की इस बड़ी कामयाबी के पीछे की वजह सत्य नडेला के बेहतरीन Strategic Decisions और कंपनी को आगे बढ़ाने दृढ़ इच्छाशक्ति है।
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