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Naseeruddin Shah Controversy: कभी लव-जिहाद तो कभी सीएए पर दिए बयान, जानिए कब-कब विवादों में रहे नसीरुद्दीन शाह

नसीरुद्दीन शाह
– फोटो : सोशल मीडिया

बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का विवादों से पुराना नाता रहा है। बीते कुछ समय से अभिनेता अपनी फिल्मों की बजाय, अपने बयानों की वजह से ज्यादा सुर्खियों में रहे हैं। आज अभिनेता मुसलमानों के जनसंहार पर की गई टिप्पणी की वजह से चर्चा में हैं। उन्होंने 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम 20 करोड़ लोग इतनी आसानी से हर नहीं मानेंगे। यह हमारी मातृभूति है। हम यहीं के हैं, हमारा परिवार और पीढ़ियां यहीं की हैं, हम बुर्जुग यहीं की मिट्टी में मिले हैं। हम 20 करोड़ लोग अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे।

नसीरुद्दीन शाह
– फोटो : सोशल मीडिया

मुगलों के योगदान को बताया अहम

इतना ही नहीं दिग्गज अभिनेता ने भारत में कथित तौर पर मुगलों द्वारा किए गए अत्याचारों के इतर उनके इतिहास को गौरवशाली बताया। उन्होंने कहा कि मुगलों ने देश को संगीत, नृत्य जैसी कला दी है। कई ऐतिहासिक स्मारक, इमारत आज भी मुगल काल के गौरव को बयां करती हैं। मुगलों का योगदान अहम है। अब उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

नसीरुद्दीन शाह
– फोटो : सोशल मीडिया

पहले भी दे चुके हैं कई विवादित बयान

बता दें कि इससे पहले भी कई बार नसीरुद्दीन शाह ने अपने बयानों की वजह से सुर्खियां बटोरीं हैं। चाहे लव-जिहाद का मामला हो या फिर सीएए-एनआरसी मसला, अभिनेता पहली भी कई बार अपने बयानों को लेकर निशाने पर आ चुके हैं। तो चलिए जानते हैं कब और किस बयान की वजह से नसीरुद्दीन शाह चर्चा का विषय बने चुके हैं।

नसीरुद्दीन शाह
– फोटो : सोशल मीडिया

लव जिहाद कानून, समाज को बांटने वाला अभियान

लव जिहाद कानून पर टिप्पणी करते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि ‘लव जिहाद’ के नाम पर चलाया जा रहा अभियान एक तमाशा है। ताकि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सामाजिक संपर्क को रोका जा सके। जिन लोगों ने यह मुहावरा गढ़ा है, वे जिहाद का मतलब ही नहीं जानते। मुझे नहीं लगता कि कोई भी इस बात को मानेगा कि एक दिन इस देश में मुसलमानों की आबादी हिंदुओं से आगे निकल जाएगी।

रत्ना पाठक शाह और नसीरुद्दीन शाह

भारत में लगता है डर

अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि मुझे आज के भारत से डर लगता है। अपने बच्चों के लिए चिंता होती है। आज के माहौल को देखते हुए, मैं एक ऐसी स्थिति की कल्पना करता हूं, जहां मेरे बच्चों को क्रोधित भीड़ ने घेर लिया है और उनसे पूछ रहे हैं कि “क्या आप हिंदू हो या मुस्लिम? मेरे बच्चों के पास कोई जवाब नहीं होगा। क्योंकि हमने अपने बच्चों को धार्मिक शिक्षा दी ही नहीं है। मैं मुसलमान हूं और मेरी वाइफ हिंदू। धर्म के नाम पर भारतीय समाज में “जहर” फैलाया जा रहा है।

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