Business

MPC Meeting: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में एमपीसी की बैठक शुरू, नीतिगत दर यथावत रहने की उम्मीद

MPC Meeting: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में एमपीसी की बैठक शुरू, नीतिगत दर यथावत रहने की उम्मीद

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Tue, 08 Feb 2022 04:12 PM IST

सार

RBI Begins Three Day Monetary Policy Meet: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति सतिति (एमपीसी) की बैठक मंगलवार से शुरू हो गई। इसमें रिवर्स रेपो रेट समेत कई मुद्दों पर चर्चा की संभावना है। तीन दिवसीय बैठक रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हो रही है और इसके परिणाम 10 फरवरी को सामने आएंगे। 
 

ख़बर सुनें

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति सतिति (एमपीसी) की बैठक मंगलवार से शुरू हो गई। यह साल 2022 की पहली तीन दिवसीय बैठक है, जो कि सोमवार 7 फरवरी को शुरू होने वाली थी, लेकिन स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन के चलते महाराष्ट्र में सार्वजनिक अवकाश घोषित होने के बाद इसे आज से शुरू किया जा रहा है। इसमें रिवर्स रेपो रेट समेत कई मुद्दों पर चर्चा की संभावना है।

10 फरवरी को आएंगे बैठक के नतीजे
एमपीसी बैठक के परिणाम 10 फरवरी को घोषित होंगे। पिछली बार एमपीसी की नौवीं बैठक दिसंबर, 2021 में संपन्न हुई थी। उस बैठक में केंद्रीय बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 4 फीसदी पर यथावत रखा था। वहीं रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार भारतीय रिजर्व बैंक रिवर्स रेपो रेट को लेकर एक बड़ा फैसला कर सकता है। एसबीआई की इकोरैप रिपोर्ट में संभावना व्यक्त की गई है कि आरबीआई इसमें 20 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर सकता है। गौरतलब है कि वर्तमान में रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी है। 

शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में विचार-विमर्श
रिजर्व बैंक के दर निर्धारण पैनल ने 2022-23 के बजट, मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं और उभरती भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए अगली मौद्रिक नीति तय करने के लिए तीन दिवसीय विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) गुरुवार 10 फरवरी को नीति प्रस्ताव की घोषणा करने वाली है। रिपोर्ट के अनुसार, यह व्यापक रूप से प्रत्याशित है कि एमपीसी द्वारा बेंचमार्क ब्याज दर या रेपो दर पर यथास्थिति बनाए रखने की संभावना है। यदि आरबीआई गुरुवार को नीतिगत दर में यथास्थिति बनाए रखता है, तो यह लगातार दसवीं बार होगा जब ये दर अपरिवर्तित रहेगी। ब्रिकवर्क रेटिंग्स के अनुसार, आरबीआई बैठक में नीतिगत दरों को मौजूदा स्तरों पर बरकरार रख सकता है।

मौद्रिक नीति समिति क्या है?
एमपीसी दरअसल, आरबीआई का एक सरकार द्वारा गठित निकाय है, जो रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, बैंक रेट आदि जैसे टूल का उपयोग करके देश की मौद्रिक नीति तैयार करने के लिए जिम्मेदार है. एमपीसी में छह सदस्य हैं, तीन सरकार द्वारा नामित और तीन आरबीआई के सदस्य हैं. आरबीआई गवर्नर समिति के पदेन अध्यक्ष होते हैं. एमपीसी आमतौर पर साल में छह बार मिलती है और प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल चार साल का होता है. एमपीसी के फैसले मतदान द्वारा लिए जाते हैं, जहां एक साधारण बहुमत (6 में से 4) किसी निर्णय को पारित करने के लिए आवश्यक होता है. RBI अधिनियम, 1934 RBI को मौद्रिक नीति निर्णय लेने का अधिकार देता है. 

विस्तार

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति सतिति (एमपीसी) की बैठक मंगलवार से शुरू हो गई। यह साल 2022 की पहली तीन दिवसीय बैठक है, जो कि सोमवार 7 फरवरी को शुरू होने वाली थी, लेकिन स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन के चलते महाराष्ट्र में सार्वजनिक अवकाश घोषित होने के बाद इसे आज से शुरू किया जा रहा है। इसमें रिवर्स रेपो रेट समेत कई मुद्दों पर चर्चा की संभावना है।

10 फरवरी को आएंगे बैठक के नतीजे

एमपीसी बैठक के परिणाम 10 फरवरी को घोषित होंगे। पिछली बार एमपीसी की नौवीं बैठक दिसंबर, 2021 में संपन्न हुई थी। उस बैठक में केंद्रीय बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 4 फीसदी पर यथावत रखा था। वहीं रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार भारतीय रिजर्व बैंक रिवर्स रेपो रेट को लेकर एक बड़ा फैसला कर सकता है। एसबीआई की इकोरैप रिपोर्ट में संभावना व्यक्त की गई है कि आरबीआई इसमें 20 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर सकता है। गौरतलब है कि वर्तमान में रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी है। 

शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में विचार-विमर्श

रिजर्व बैंक के दर निर्धारण पैनल ने 2022-23 के बजट, मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं और उभरती भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए अगली मौद्रिक नीति तय करने के लिए तीन दिवसीय विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) गुरुवार 10 फरवरी को नीति प्रस्ताव की घोषणा करने वाली है। रिपोर्ट के अनुसार, यह व्यापक रूप से प्रत्याशित है कि एमपीसी द्वारा बेंचमार्क ब्याज दर या रेपो दर पर यथास्थिति बनाए रखने की संभावना है। यदि आरबीआई गुरुवार को नीतिगत दर में यथास्थिति बनाए रखता है, तो यह लगातार दसवीं बार होगा जब ये दर अपरिवर्तित रहेगी। ब्रिकवर्क रेटिंग्स के अनुसार, आरबीआई बैठक में नीतिगत दरों को मौजूदा स्तरों पर बरकरार रख सकता है।

मौद्रिक नीति समिति क्या है?

एमपीसी दरअसल, आरबीआई का एक सरकार द्वारा गठित निकाय है, जो रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, बैंक रेट आदि जैसे टूल का उपयोग करके देश की मौद्रिक नीति तैयार करने के लिए जिम्मेदार है. एमपीसी में छह सदस्य हैं, तीन सरकार द्वारा नामित और तीन आरबीआई के सदस्य हैं. आरबीआई गवर्नर समिति के पदेन अध्यक्ष होते हैं. एमपीसी आमतौर पर साल में छह बार मिलती है और प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल चार साल का होता है. एमपीसी के फैसले मतदान द्वारा लिए जाते हैं, जहां एक साधारण बहुमत (6 में से 4) किसी निर्णय को पारित करने के लिए आवश्यक होता है. RBI अधिनियम, 1934 RBI को मौद्रिक नीति निर्णय लेने का अधिकार देता है. 

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: