हेलिकॉप्टर को खरीदने के लिए भारत ने रूस को दिसंबर 2008 में 103 करोड़ डॉलर के ऑर्डर दिए थे। पहली बार में 80 हेलिकॉप्टर खरीदे गए। इसके बाद 2014 तक कई ऑर्डर दिए गए।
रूस से खरीदे गया वैरिएंट एमआई-17वी5 हेलिकॉप्टर जमीन पर मौजूद दुश्मनों पर हवाई हमला करने की भी क्षमता रखता है। प्राकृतिक आपदाओं के समय भी वायुसेना इसका उपयोग करती है। भारत के पास 220 एमआई-17 हेलिकॉप्टर हैं जो सेना के लिए यूटिलिटी ट्रांसपोर्ट का काम करते हैं। देश के प्रधानमंत्री भी कई बार इसका उपयोग कर चुके है।
एमआई-17वी5
हेलिकॉप्टर को खरीदने के लिए भारत ने रूस को दिसंबर 2008 में 103 करोड़ डॉलर के ऑर्डर दिए थे। पहली बार में 80 हेलिकॉप्टर खरीदे गए। इसके बाद 2014 तक कई ऑर्डर दिए गए। फरवरी 2012 में इसे पहली बार सेना में कमीशन किया गया और इसने एमआई-8 एस की जगह ली। भारत का एमआई-17 भी काफी भरोसेमंद माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार यूटिलिटी हेलिकॉप्टर कई प्रकार के काम आने वाले हैलिकॉप्टर होते हैं। इनके जरिए लोगों, उपकरणों, हथियारों और रसद सामग्री आदि को दुर्गम क्षेत्रों में तत्काल पहुंचाया जाता है तो वहीं घायलों को भी अस्पताल लाने में यह अग्रणी भूमिका निभाता रहा है।
हमलों में उपयोगी
यह हेलिकॉप्टर हमलों में भी उपयोग किया जाता रहा है। इसके जरिए एस-8 रॉकेट, गन, ऑटो कैनन, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल और प्रीसिशन गाइडेड हथियारों का इस्तेमाल हो सकता है। सबसे पहले 1975 में इसका परीक्षण हुआ था। विश्व में ऐसे करीब 15,000 हेलिकॉप्टर 60 से अधिक देशों में इस्तेमाल हो रहे हैं।
जानिए खासियत
250 किलोमीटर प्रतिघंटे की अधिकतम गति।
800 किमी उड़ान क्षमता एक बार में।
6000 मीटर ऊंचाई तक जा सकता है।
24 सैनिकों या लोगों को ले जाने की क्षमता।
8 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से ऊपर उठ सकता है।
दो पायलट और एक इंजीनियर क्रू सदस्य होते हैं।
12 स्ट्रेचर, 4 हजार किलो का सामान भरने और 5 हजार किलो वजन उठाने की क्षमता।
करीब 60 लंबा और 18 फीट चौड़ा, 11,100 किलो वजनी है हैलीकॉप्टर।
हादसे जो टले
18 नवंबर 2021 : अरुणाचल में लैंडिंग के दौरान क्रैश।
3 अप्रैल 2018 : केदारनाथ में हैलिपैड से 60 मीटर पहले क्रैश। छह लोग सवार थे, इनमें से एक को हल्की चोट आईं।
23 सितंबर 2019 : केदारनाथ से उड़ान भरते समय क्रैश हो गया था। सवार सभी छह लोग सुरक्षित बच गए।
एमआई-17 से हुए हादसे
19 नवंबर 2010 : 12 की मौत
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में ही वायुसेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ। इसमें 12 लोगों की मौत हुई। यह उड़ान तवांग से बोमडिला के लिए रवाना होने के पांच मिनट के भीतर क्रैश हुई थी।
30 अगस्त 2012 : 9 की मौत
दो एमआई-17 हेलिकॉप्टर जामनगर में टकरा गए। इस हादसे में 9 लोग मारे गए। यह सभी वायुसेना के अधिकारी व सैनिक थे।
25 जून 2013 : 20 की मौत
उत्तराखंड बाढ़ के समय राहत कार्य अंजाम देते हुए हैलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया। इस हादसे में 20 लोगों की मौत हुई।
6 मई 2017 : 5 की मौत
अरुणाचल के तवांग के पास हेलिकॉप्टर जवानों को ले जाते समय क्रैश हुआ। इसमें 5 जवानों की मौत हुई और दो घायल हुए।
27 फरवरी 2019 : 7 की मौत
जम्मू-कश्मीर के बडगाम में हादसा। जांच में सामने आया कि लापरवाही की वजह से चलाई गई मिसाइल से हादसा हुआ। छह अधिकारियों सहित एक नागरिक की मौत हुई।
1963 के बाद सबसे बड़ा हादसा, 6 की हुई थी मौत
कुन्नूर हादसे ने जम्मू कश्मीर के पुंछ में 1963 में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटना की याद दिला दी, जिसमें छह सैन्य अधिकारी मारे गए थे। लेफ्टि. जनरल दौलत सिंह, ले. जनरल बिक्रम सिंह, एयर वाइस मार्शल ईडब्ल्यू पिंटो, मेजर जनरल केएनडी नानावटी, ब्रिगेडियर एसआर ओबेरॉय और फ्लाइट ले. जनरल एसएस सोढ़ी 22 नवंबर 1963 को हुए इस हादसे में मारे गए थे।
2 सितंबर 2009 : कुरनूल आंध्र प्रदेश में बेल 430 हेलिकॉप्टर क्रैश : आंध्र के सीएम वाई राजशेखर रेड्डी सहित 5 की मौत। हादसा स्थल खोजने में इसरो के उपग्रहों की मदद ली गई, 5,000 सीआरपीएफ जवानों, पुलिस व अन्य फोर्स और जनजातीय लोगों के भी ऑपरेशन चलाए गए। हैलिकॉप्टर का मलबा व शव 22 घंटे बाद मिले।
19 अप्रैल 2011 : हवा की गति के बदलाव से पवन हंस मिल एमआई-172 क्रैश : तवांग, अरुणाचल प्रदेश में हादसा। 17 की मौत। चिकित्सक, सेना के अधिकारी और नागरिक शामिल। हवा की गति व दिशा में अचानक आए बदलाव से हुआ हादसा।
विस्तार
रूस से खरीदे गया वैरिएंट एमआई-17वी5 हेलिकॉप्टर जमीन पर मौजूद दुश्मनों पर हवाई हमला करने की भी क्षमता रखता है। प्राकृतिक आपदाओं के समय भी वायुसेना इसका उपयोग करती है। भारत के पास 220 एमआई-17 हेलिकॉप्टर हैं जो सेना के लिए यूटिलिटी ट्रांसपोर्ट का काम करते हैं। देश के प्रधानमंत्री भी कई बार इसका उपयोग कर चुके है।
एमआई-17वी5
हेलिकॉप्टर को खरीदने के लिए भारत ने रूस को दिसंबर 2008 में 103 करोड़ डॉलर के ऑर्डर दिए थे। पहली बार में 80 हेलिकॉप्टर खरीदे गए। इसके बाद 2014 तक कई ऑर्डर दिए गए। फरवरी 2012 में इसे पहली बार सेना में कमीशन किया गया और इसने एमआई-8 एस की जगह ली। भारत का एमआई-17 भी काफी भरोसेमंद माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार यूटिलिटी हेलिकॉप्टर कई प्रकार के काम आने वाले हैलिकॉप्टर होते हैं। इनके जरिए लोगों, उपकरणों, हथियारों और रसद सामग्री आदि को दुर्गम क्षेत्रों में तत्काल पहुंचाया जाता है तो वहीं घायलों को भी अस्पताल लाने में यह अग्रणी भूमिका निभाता रहा है।