बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Tue, 25 Jan 2022 12:55 PM IST
सार
Indian Economy Has Recovered Handsomely: नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए व्यवधानों से काफी हद तक उबर चुकी है। उन्होंने संभावना जताई कि यह सुधार आगे भी जारी रहेगा और 7 से 8 प्रतिशत की वृद्धि दर फिर बहाल हो जाएगी।
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए व्यवधानों से काफी हद तक उबर चुकी है। उन्होंने संभावना जताई कि यह सुधार आगे भी जारी रहेगा और 7 से 8 प्रतिशत की वृद्धि दर फिर बहाल हो जाएगी।
अगली पीढ़ी के लिए कम हो राजकोषीय घाटा
अरविंद पनगढ़िया ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि केंद्र सरकार को अब वित्त वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटे को आधा से एक प्रतिशत तक कम करने का संकेत देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को अब राजकोषीय घाटे को कम करने पर जोर देना चाहिए, क्योंकि ऐसा नहीं करने पर अगली पीढ़ी के लिए एक बड़ा कर्ज का बोझ तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने कोविड से पहले के जीडीपी के स्तर पर लौटने के लिए काफी हद तक सुधार किया है। हालांकि, निजी खपत अभी भी अपने कोविड-19 से पहले के स्तर से नीचे है।
जीडीपी वृद्धि दर 9.2 फीसदी रहने का अनुमान
गौरतलब है कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2021-22 में 9.2 प्रतिशत रहेगी। इन आंकड़ों पर बात करते हुए पनगढ़िया ने कहा कि यह आंकड़ा किस भी अन्य देश की तुलना में अधिक है। वर्तमान हालात इस ओर इशारा कर रहे हैं कि पूरे देश में पुनरुद्धार हुआ है। बता दें कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले वित्त वर्ष के दौरान 7.3 प्रतिशत की गिरावट हुई थी।
कोलंबिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर है पनगढ़िया
गौरतलब है कि पनगढ़िया एक जाने-माने अर्थशास्त्री हैं और इस समय कोलंबिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। पनगढ़िया ने कहा कि देश में जारी कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान के कारण इस महामारी के काबू में आने से पुनरुद्धार जारी रहेगा और इसमें 7 से 8 प्रतिशत वृद्धि का दौर वापस आ जाएगा। उनका यह सुझाव ऐसे समय में आया है जबकि देश का आम बजट पेश होने में हफ्ताभर रह गया है।
विस्तार
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए व्यवधानों से काफी हद तक उबर चुकी है। उन्होंने संभावना जताई कि यह सुधार आगे भी जारी रहेगा और 7 से 8 प्रतिशत की वृद्धि दर फिर बहाल हो जाएगी।
अगली पीढ़ी के लिए कम हो राजकोषीय घाटा
अरविंद पनगढ़िया ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि केंद्र सरकार को अब वित्त वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटे को आधा से एक प्रतिशत तक कम करने का संकेत देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को अब राजकोषीय घाटे को कम करने पर जोर देना चाहिए, क्योंकि ऐसा नहीं करने पर अगली पीढ़ी के लिए एक बड़ा कर्ज का बोझ तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने कोविड से पहले के जीडीपी के स्तर पर लौटने के लिए काफी हद तक सुधार किया है। हालांकि, निजी खपत अभी भी अपने कोविड-19 से पहले के स्तर से नीचे है।
जीडीपी वृद्धि दर 9.2 फीसदी रहने का अनुमान
गौरतलब है कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2021-22 में 9.2 प्रतिशत रहेगी। इन आंकड़ों पर बात करते हुए पनगढ़िया ने कहा कि यह आंकड़ा किस भी अन्य देश की तुलना में अधिक है। वर्तमान हालात इस ओर इशारा कर रहे हैं कि पूरे देश में पुनरुद्धार हुआ है। बता दें कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले वित्त वर्ष के दौरान 7.3 प्रतिशत की गिरावट हुई थी।
कोलंबिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर है पनगढ़िया
गौरतलब है कि पनगढ़िया एक जाने-माने अर्थशास्त्री हैं और इस समय कोलंबिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। पनगढ़िया ने कहा कि देश में जारी कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान के कारण इस महामारी के काबू में आने से पुनरुद्धार जारी रहेगा और इसमें 7 से 8 प्रतिशत वृद्धि का दौर वापस आ जाएगा। उनका यह सुझाव ऐसे समय में आया है जबकि देश का आम बजट पेश होने में हफ्ताभर रह गया है।
Source link
Like this:
Like Loading...
Arvind panagariya, arvind panagariya suggested, budget 2022, Business Diary Hindi News, Business Diary News in Hindi, Business news, Business News in Hindi, ecomony latest news update, economy news, former niti aayog vice chairman, india news, indian economy, indian economy has recovered, indian economy news, news in hindi, niti aayog, pandemic induced disruptions, union budget 2022, union budget 2022-23, अरविंद पनगढ़िया, नीति आयोग, नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष, बजट, भारतीय अर्थव्यवस्था