न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Wed, 15 Dec 2021 12:55 PM IST
सार
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह हेलिकॉप्टर हादसे में एक मात्र जीवित बचे सैन्य अधिकारी थे। वे एक सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती रहे। उनके निधन की सूचना इंडियन एयरफोर्स की ओर से दी गई है।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह अपने परिवार के साथ।
– फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को श्रद्धांजलि। देश के लिए उनकी सेवा को सभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने पराक्रम, अत्यंत पेशेवराना अंदाज से देश की सेवा की। उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट किया है-IAF पायलट ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन से हुए दर्द को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। वह सच्चे फाइटर थे, जिन्होंने अपनी अंतिम सांस तक जंग जारी रखी।
देवरिया के रहने वाले हैं वरुण सिंह
वरुण सिंह देवरिया के कन्हौली गांव के रहने वाले हैं। वह मूलरूप से फाइटर पायलट हैं। साल 2007 से 2009 तक उनकी गोरखपुर में पोस्टिंग रही है। वह जगुआर फाइटर प्लेन उड़ाते रहे हैं। गोरखपुर से उनका हैदराबाद तबादला हुआ था। इन दिनों तमिलनाडु के वेलिंगटन में तैनाती है। वेलिंगटन स्थित डिफेंस एकेडमी के कार्यक्रम में सीडीएस रावत को हिस्सा लेना था, कैप्टन उनके साथ जा रहे थे, लेकिन पहले ही हादसा हो गया।
शौर्य चक्र से किया जा चुका है सम्मानित
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह के भतीजे हैं। 12 अक्तूबर 2020 को फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बावजूद, वरुण ने करीब दस हजार फीट की ऊंचाई से विमान की सफल लैंडिंग कराई थी। इसके लिए 15 अगस्त को राष्ट्रपति ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया था। वरुण के चाचा अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि सेना के अधिकारियों द्वारा हादसे में वरुण के घायल होने की सूचना मिली है। ईश्वर से उनके जल्द ठीक होने की कामना की जा रही है।