विश्व भर में बड़े पैमाने पर गूगल क्रोम का उपयोग ब्राउजिंग के लिए किया जाता है। एंड्रॉयड फोन्स में ये एप्लीकेशन इनबिल्ट आता है। इस एप ने ब्राउजिंग को काफी आसान बना दिया है। दुनिया भर में ज्यादातर यूजर नेट सर्फिंग के लिए गूगल क्रोम का ही उपयोग करते हैं। पर्सनल, प्रोफेशनल, बिजनेस से लेकर कई कार्यों के लिए गूगल क्रोम का उपयोग किया जाता है। अगर आप भी गूगल क्रोम का इस्तेमाल अपने जरूरी कार्यों के लिए करते हैं, तो आपको इस एप से जुड़ी कुछ बातों को जरूर जान लेना चाहिए। एक तरफ गूगल क्रोम ने जहां ब्राउजिंग का शानदार अनुभव हम लोगों को दिया है। वहीं दूसरी तरफ इसके कई नकारात्मक पहलू भी सामने निकल कर आए हैं। इस एप्लीकेशन के भीतर ऐसी कई खामियां हैं, जिन्हें हम आज आपको बताने वाले हैं। इसी कड़ी में आइए जानते हैं गूगल क्रोम की खामियों के बारे में विस्तार से –
आपकी प्राइवेसी को लेकर बेपरवाह
भले ही गूगल क्रोम ब्राउजर आपकी प्राइवेसी को लेकर बड़े बड़े दावे करता हो, लेकिन सच बात ये है कि उसे आपकी प्राइवेसी की कोई चिंता नहीं है। गूगल क्रोम पर आप क्या कर रहे हैं और क्या देख रहे हैं। उसकी वह पल पल की मॉनिटरिंग करता है और उसका सारा डाटा गूगल के पास भेजता है। उसके बाद आपके भेजे गए डाटा के आधार पर गूगल आपको विज्ञापन दिखाता है।
बैटरी और मोबाइल डाटा की करता है ज्यादा खपत
गूगल क्रोम आपके मोबाइल डाटा और बैटरी की सबसे ज्यादा खपत करता है। आपके मोबाइल बैटरी को सबसे ज्यादा यही एप ड्रेन करता है। इसके अलावा आपके मोबाइल डाटा का सबसे ज्यादा उपयोग यही करता है।
इनकॉग्निटो मोड की ये सच्चाई शायद ही जानते होंगे आप
अक्सर कई लोग गूगल क्रोम के इनकॉग्निटो मोड का उपयोग करते समय ये सोचते हैं कि उनकी ब्राउजिंग हिस्ट्री कहीं सेव नहीं हो रही है। अगर आपकी भी यही धारणा है, तो आप गलत हैं। इनकॉग्निटो मोड इनेबल करने के बाद आपकी हिस्ट्री केवल ब्राउजर में सेव नहीं होती बल्कि आप क्या सर्च कर रहे हैं और क्या देख रहे हैं? उसका सारा रिकॉर्ड गूगल के पास जाता है।
