कपिल देव, रणवीर सिंह
– फोटो : अमर उजाला, मुंबई
रिलायंस एंटरटेनमेंट की फैंटम फिल्म्स और का प्रोडक्शंस के साथ मिलकर बनी फिल्म ‘83’ का ट्रेलर आते ही इस फिल्म की चर्चा चारों तरफ हो रही है। भारतीय क्रिकेट टीम की पहली विश्वकप विजय की यादें उन सभी के मन में अभी ताजा हैं जो अब बाल बच्चों वाले हो चुके हैं। और, नई पीढ़ी को ये अब भी नॉस्ताल्जिया ही लगता है कि क्या वाकई भारतीय क्रिकेट टीम को कभी इतना बेकार समझा जाता था कि उससे वर्ल्डकप जीतने की उम्मीद करना ही दिन में तारे देखना जैसा होता था। फिल्म ‘83’ बीते साल रिलीज होने वाली थी। कपिल देव के जन्मदिन 6 जनवरी पर फिल्म का ट्रेलर रिलीज होना था औऱ उससे दो दिन पहले अमर उजाला के सलाहकार संपादक पंकज शुक्ल ने कपिल देव से ये एक्सक्लूसिव बातचीत की थी। बातचीत हुई ही फिल्म ‘83’ के संदर्भ में थी लिहाजा अब जबकि इसका ट्रेलर आखिरकार रिलीज हो गया है तो चलिए आपको ले चलते हैं कपिल देव के साथ साल 1983 की उन यादों में जब विश्वकप जीतने की बात करने वाले इस कप्तान को उनके टीम के साथी भी पागल समझते थे।
फिल्म 83 ट्रेलर
– फोटो : अमर उजाला, मुंबई
जब फिल्म ‘83’ लॉन्च हो रही थी तो उस समय श्रीकांत ने कहा था कि हम तो सेमीफाइनल राउंड तक ही बाहर हो जाने की सोच रहे थे। सबने अमेरिका आदि जाने की टिकटें तक बुक करा रखी थीं, लेकिन कपिल देव ने ही हमारे अंदर हिम्मत भरी कि हम जीत सकते हैं। क्या कहेंगे उनकी इस बात पर?
क्या कह सकते हैं? कैप्टन जो होता है वह थोड़ा पगला होता है। उसकी सोच थोड़ी अलग होती है। उसका तो यही काम होता है कि प्रेरित करना है, लड़ना है, जीतना है। लेकिन, हर खिलाड़ी का खेलने का अपना तरीका होता है। हम तो बड़े जोश में थे लेकिन कुछ खिलाड़ियों को जोश में लाने के लिए थोड़ा प्रेरित करने की जरूरत थी। बाकी ऐसा नहीं था कि वे जीतना नहीं चाहते थे लेकिन उससे पहले हम कभी जीते ही नहीं थे तो उसकी एक अलग सोच थी।
83 का ट्रेलर रिलीज
– फोटो : अमर उजाला, मुंबई
1983 के वर्ल्डकप के समय इतना आसान नहीं था किसी मैच को टीवी पर देख पाना। कानपुर में रिजर्व बैंक के पास टीम की जीत का बैनर देखकर तमाम लोगों को इस जीत का पता चला था। उस जीत की याद के बारे में कुछ कहेंगे?
हमने कभी महसूस नहीं किया कि ये इतनी बड़ी जीत हुई है। अपने देशवासियों से मिला प्यार या मोहब्बत हमेशा याद रहता है। जितना हमने किया लेकिन उससे हजार गुना प्यार मोहब्बत लोगों से मिली। जैसा हमें प्यार मोहब्बत मिली उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।
83 ट्रेलर
– फोटो : अमर उजाला, मुंबई
क्रिकेट में पिछले दो तीन दशकों में काफी बदलाव आया है, क्रिकेटर्स अपनी निजी जिंदगी भी सोशल मीडिया पर साझा करते हैं, इस पर आपकी क्या टिप्पणी है?
हमें नए जमाने में नई पीढ़ी के साथ चलना ही चाहिए। उनकी आलोचना नहीं करनी चाहिए जब तक कि वे क्रिकेट के मैदान में अपना सौ प्रतिशत दे रहे हैं। उसके अलावा वे क्या कर रह हैं, वह सब चलता है। ये नई पीढ़ी है, नई सोच है। अगर हम अपने मां बाप को देखें तो उनका तरीका अलग था, हमारा तरीका अलग है, हमारे बच्चों का तरीका अलग है। अगर हम चाहें कि आने वाली पीढ़ी न बदले ये कभी हो नहीं सकता। ये स्टाइल होता है तभी मीडिया वाले भी उन्हें पसंद करते हैं। मैं इस बारे में ज्यादा सोचता नहीं हूं।
83 का ट्रेलर रिलीज
– फोटो : अमर उजाला, मुंबई
इन लोगों के साथ आपने क्रिकेट कोच के रूप में भी वक्त बिताया है तो जो ये …
(सवाल पूरा होने से पहले ही) मैंने ज्यादा वक्त नहीं बिताया। चार छह महीने बतौर कोच बिताए ज्यादा मुझे मौका मिला नहीं कि इन लोगों के साथ रह सकूं तो इसकी मैं चर्चा न ही करूं तो ही अच्छा होगा।