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Budget 2022: MSME सेक्टर से जुड़े व्यापारी हुए खुश, बोले- नहीं देखा इससे बेहतर बजट

Budget 2022: MSME सेक्टर से जुड़े व्यापारी हुए खुश, बोले- नहीं देखा इससे बेहतर बजट

सार

एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, नोएडा के अध्यक्ष सुरेंद्र नाहटा ने अमर उजाला को बताया कि यह एक शानदार और एतिहासिक बजट है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने 400 नई ट्रेनें चला कर और 200 से ज्यादा नए चैनलों को चलाने की घोषणा कर इलेक्ट्रॉनिक्स सहित कई क्षेत्रों में बाजार खोलने के लिए नई संभावनाएं पैदा की हैं। इससे व्यापारियों को लाभ होगा क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ेगा और इससे रोजगार की संभावनाओं में भी वृद्धि होगी…

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केंद्रीय बजट 2022-23 से देश का सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्योग बहुत खुश नजर आ रहा है। इन क्षेत्रों से जुड़े व्यापार संगठनों ने बजट की खूब प्रशंसा की है। कर्ज का दायरा बढ़ाने और अधिक बड़े उद्योगों को एमएसएमई सेक्टर में शामिल करने पर व्यापार संगठनों ने खुशी जताई है। व्यापारियों को अनुमान है कि नया बजट व्यापार को बढ़ाने वाला और रोजगार की नई संभावनाओं को खोलने वाला साबित होगा। बाजार में मांग और उत्पादन बढ़ने का भी अनुमान लगाया जा रहा है। कई व्यापार संगठनों ने कहा है कि पिछले कई दशकों में इतना बेहतर बजट दिखाई नहीं पड़ा है।

400 नई वंदे भारत ट्रेनें चलाने, 200 नए शैक्षिक चैनल चलाने और नई डिजिटल करेंसी लाने की सरकार की कोशिश को व्यापारी बेहद सकारात्मक मान रहे हैं। निर्माण क्षेत्र से जुड़ी इकाइयों को बढ़ावा देने के प्रयास से व्यापारियों को उम्मीद है कि इससे बाजार के सभी सेक्टर में मांग और उत्पादन बढ़ेगा, जिससे बाजार की स्थिति सुधरेगी।

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय मंत्री सुमित अग्रवाल ने अमर उजाला से कहा कि यह बजट व्यापारियों की उम्मीदों पर खरा उतरता है। सरकार ने घरेलू दुकानदारों से लेकर पांच करोड़ रुपए तक के टर्नओवर के बीच आने वाले पूरे व्यापारी वर्ग को ध्यान में रखकर बेहद शानदार बजट तैयार किया है। इससे कोरोना काल में ठहरे व्यापार को गति देने में मदद मिलेगी।

कपड़े, जूते, इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों और एफएमसीजी बाजार में खपत होने वाली चीजों की वृद्धि का रास्ता तैयार किया गया है जिससे बाजार बढ़ेगा और लोगों को फायदा होगा। सरकार ने सामाजिक योजनाओं पर निवेश बढ़ाया है जिससे बाजार में खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे सभी क्षेत्रों के व्यापार को गतिशील बनाने में भी कामयाबी हासिल होगी।

कुछ बोले शानदार, तो कुछ ने निराश करने वाला बताया

एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, नोएडा के अध्यक्ष सुरेंद्र नाहटा ने अमर उजाला को बताया कि यह एक शानदार और एतिहासिक बजट है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने 400 नई ट्रेनें चला कर और 200 से ज्यादा नए चैनलों को चलाने की घोषणा कर इलेक्ट्रॉनिक्स सहित कई क्षेत्रों में बाजार खोलने के लिए नई संभावनाएं पैदा की हैं। इससे व्यापारियों को लाभ होगा क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ेगा और इससे रोजगार की संभावनाओं में भी वृद्धि होगी।

चैंबर ऑफ रीड एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि सरकार पांच फीसदी और 20 फीसदी के टैक्स स्लैब के बीच में 10 फीसदी का एक अतिरिक्त टैक्स स्लैब बनाकर देश के करोड़ों व्यापारियों को और मध्यम वर्ग को भारी राहत पहुंचा सकती थी, लेकिन सरकार ने इस तरह की कोई कोशिश नहीं की। इससे व्यापारियों में काफी निराशा है।

…और सुधार की थी जरूरत

राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने कहा कि बजट में सरकार ने पुरानी परंपराओं को आगे बढ़ाने का काम किया है, लेकिन एमएसएमई क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए और ज्यादा छूट की दरकार थी, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन लाख करोड़ रुपये के अनुदान की घोषणा कर एमएसएमई सेक्टर में जान फूंकने की कोशिश की थी, लेकिन इस कर्ज को प्राप्त करने के लिए बैंकिंग व्यवस्था में इस तरह के नियम लागू कर दिए गए, जिससे छोटे और मध्यम वर्ग के व्यापारी इस कर्ज का लाभ नहीं उठा पाए और 70 फीसदी से ज्यादा फंड का उपयोग नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि इन विसंगतियों को दूर करते हुए सरकार को मध्यम और लघु क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करना चाहिए। उनका मानना है कि सरकार ने मध्यम वर्ग को कोई विशेष सुविधा नहीं प्रदान की है।

छोटे दुकानदारों को हो सकता है फायदा

ई-कॉमर्स क्षेत्र में व्यापारियों को उम्मीद थी कि ऑनलाइन व्यापार पर अतिरिक्त टैक्स लगाकर सरकार ऑनलाइन खरीदारी को हतोत्साहित करने की कोशिश करेगी, जिससे छोटे-छोटे बाजारों में बैठे करोड़ों छोटे-छोटे दुकानदारों को लाभ होता। लेकिन सरकार ने ई-कॉमर्स पर कोई अतिरिक्त प्रबंध न कर छोटे दुकानदारों को निराश किया है। व्यापारियों का कहना है कि जिस तरह ऑनलाइन सामान खरीदने पर ऑस्ट्रेलिया में अतिरिक्त टैक्स लगाया जाता है, उसी तरह भारत में भी ई-कॉमर्स पर अतिरिक्त टैक्स लगाकर छोटे व्यापारियों को राहत देनी चाहिए।

विस्तार

केंद्रीय बजट 2022-23 से देश का सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्योग बहुत खुश नजर आ रहा है। इन क्षेत्रों से जुड़े व्यापार संगठनों ने बजट की खूब प्रशंसा की है। कर्ज का दायरा बढ़ाने और अधिक बड़े उद्योगों को एमएसएमई सेक्टर में शामिल करने पर व्यापार संगठनों ने खुशी जताई है। व्यापारियों को अनुमान है कि नया बजट व्यापार को बढ़ाने वाला और रोजगार की नई संभावनाओं को खोलने वाला साबित होगा। बाजार में मांग और उत्पादन बढ़ने का भी अनुमान लगाया जा रहा है। कई व्यापार संगठनों ने कहा है कि पिछले कई दशकों में इतना बेहतर बजट दिखाई नहीं पड़ा है।

400 नई वंदे भारत ट्रेनें चलाने, 200 नए शैक्षिक चैनल चलाने और नई डिजिटल करेंसी लाने की सरकार की कोशिश को व्यापारी बेहद सकारात्मक मान रहे हैं। निर्माण क्षेत्र से जुड़ी इकाइयों को बढ़ावा देने के प्रयास से व्यापारियों को उम्मीद है कि इससे बाजार के सभी सेक्टर में मांग और उत्पादन बढ़ेगा, जिससे बाजार की स्थिति सुधरेगी।

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय मंत्री सुमित अग्रवाल ने अमर उजाला से कहा कि यह बजट व्यापारियों की उम्मीदों पर खरा उतरता है। सरकार ने घरेलू दुकानदारों से लेकर पांच करोड़ रुपए तक के टर्नओवर के बीच आने वाले पूरे व्यापारी वर्ग को ध्यान में रखकर बेहद शानदार बजट तैयार किया है। इससे कोरोना काल में ठहरे व्यापार को गति देने में मदद मिलेगी।

कपड़े, जूते, इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों और एफएमसीजी बाजार में खपत होने वाली चीजों की वृद्धि का रास्ता तैयार किया गया है जिससे बाजार बढ़ेगा और लोगों को फायदा होगा। सरकार ने सामाजिक योजनाओं पर निवेश बढ़ाया है जिससे बाजार में खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे सभी क्षेत्रों के व्यापार को गतिशील बनाने में भी कामयाबी हासिल होगी।

कुछ बोले शानदार, तो कुछ ने निराश करने वाला बताया

एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, नोएडा के अध्यक्ष सुरेंद्र नाहटा ने अमर उजाला को बताया कि यह एक शानदार और एतिहासिक बजट है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने 400 नई ट्रेनें चला कर और 200 से ज्यादा नए चैनलों को चलाने की घोषणा कर इलेक्ट्रॉनिक्स सहित कई क्षेत्रों में बाजार खोलने के लिए नई संभावनाएं पैदा की हैं। इससे व्यापारियों को लाभ होगा क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ेगा और इससे रोजगार की संभावनाओं में भी वृद्धि होगी।

चैंबर ऑफ रीड एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि सरकार पांच फीसदी और 20 फीसदी के टैक्स स्लैब के बीच में 10 फीसदी का एक अतिरिक्त टैक्स स्लैब बनाकर देश के करोड़ों व्यापारियों को और मध्यम वर्ग को भारी राहत पहुंचा सकती थी, लेकिन सरकार ने इस तरह की कोई कोशिश नहीं की। इससे व्यापारियों में काफी निराशा है।

…और सुधार की थी जरूरत

राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने कहा कि बजट में सरकार ने पुरानी परंपराओं को आगे बढ़ाने का काम किया है, लेकिन एमएसएमई क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए और ज्यादा छूट की दरकार थी, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन लाख करोड़ रुपये के अनुदान की घोषणा कर एमएसएमई सेक्टर में जान फूंकने की कोशिश की थी, लेकिन इस कर्ज को प्राप्त करने के लिए बैंकिंग व्यवस्था में इस तरह के नियम लागू कर दिए गए, जिससे छोटे और मध्यम वर्ग के व्यापारी इस कर्ज का लाभ नहीं उठा पाए और 70 फीसदी से ज्यादा फंड का उपयोग नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि इन विसंगतियों को दूर करते हुए सरकार को मध्यम और लघु क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करना चाहिए। उनका मानना है कि सरकार ने मध्यम वर्ग को कोई विशेष सुविधा नहीं प्रदान की है।

छोटे दुकानदारों को हो सकता है फायदा

ई-कॉमर्स क्षेत्र में व्यापारियों को उम्मीद थी कि ऑनलाइन व्यापार पर अतिरिक्त टैक्स लगाकर सरकार ऑनलाइन खरीदारी को हतोत्साहित करने की कोशिश करेगी, जिससे छोटे-छोटे बाजारों में बैठे करोड़ों छोटे-छोटे दुकानदारों को लाभ होता। लेकिन सरकार ने ई-कॉमर्स पर कोई अतिरिक्त प्रबंध न कर छोटे दुकानदारों को निराश किया है। व्यापारियों का कहना है कि जिस तरह ऑनलाइन सामान खरीदने पर ऑस्ट्रेलिया में अतिरिक्त टैक्स लगाया जाता है, उसी तरह भारत में भी ई-कॉमर्स पर अतिरिक्त टैक्स लगाकर छोटे व्यापारियों को राहत देनी चाहिए।

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