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Budget 2022: खुश हुआ कॉरपोरेट जगत, आनंद महिंद्रा ने कहा- सबसे प्रभावशाली साबित हो सकता है सीतारमण का सबसे छोटा भाषण

सार

महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, ”सीतारमण का सबसे छोटा भाषण सबसे प्रभावशाली साबित हो सकता है। संक्षिप्तता हमेशा एक गुण रहा है।’

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट 2022-23 को लेकर जहां आम वर्ग में नाराजगी है, वहीं कॉरपोरेट जगत काफी खुश नजर आ रहा है। बजट 2022 को लेकर पहले से ही मांग थी कि आयात शुल्क को कम किया। सरकार ने आयात शुल्क को कम कर दिया है जिसके बाद इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट और गैजेट के सस्ते होने की उम्मीद की जा रही है। इस बजट के बाद एक अप्रैल से मोबाइल फोन और चार्जर के सस्ते होने की उम्मीद है। बता दें कि सीतारमण का 90 मिनट का यह भाषण उनका अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण था। बजट 2022 पर कॉरपोरेट जगत ने क्या कहा है, आइए जानते हैं…

लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. एसपी कोचर, डीजी सीओएआई
वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट विकास समर्थक है जिसमें डिजिटल इंडिया पहल को और गति प्रदान करने पर जोर दिया गया है। हम डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए और 5जी मोबाइल सेवाओं के रोलआउट के लिए 2022 में आवश्यक स्पेक्ट्रम नीलामी की घोषणा को देखकर खुश हैं। भारतनेट परियोजना के तहत 5जी उपकरणों के लिए पीएलआई योजना को सुगम बनाने, पीपीपी मॉडल के माध्यम से ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के माध्यम से सस्ती ब्रॉडबैंड और मोबाइल सेवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रगतिशील निर्णय लेने का प्रस्ताव स्वागत योग्य कदम है। हम अपने माननीय प्रधान मंत्री के डिजिटल इंडिया विजन को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, हालांकि, हम इस बात से थोड़ा निराश हैं कि हमारी लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं हुई हैं। हम दूरसंचार क्षेत्र पर शुल्क में कमी के लिए सरकार के साथ निरंतर और रचनात्मक जुड़ाव की आशा करते हैं।

आनंद महिंद्रा
महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, ”सीतारमण का सबसे छोटा भाषण सबसे प्रभावशाली साबित हो सकता है। संक्षिप्तता हमेशा एक गुण रहा है।’

प्रदीप बख्शी, एमडी और सीईओ, वोल्टास लिमिटेड
आत्मनिर्भर अभियान से प्रेरणा लेते हुए बजट 2022 घरेलू बाजार में विकास को गति प्रदान करता है। बजट 2022 में वित्त मंत्री द्वारा किए गए एलान न केवल घरेलू क्षमता निर्माण का समर्थन करेंगे बल्कि कच्चे माल की आपूर्ति बाधाओं को भी कम करेंगे। कच्चे माल के लिए पीएलआई योजना का एलान भारत में कंज्यूमर ड्यूरेबल क्षेत्र के संजीवना साबित होगा।

अभिषेक गोयल, सीईओ और सह-संस्थापक, CACTUS
अगले 25 वर्षों में अर्थव्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करना अच्छा है। सरकार की नीतियों से साफ है कि वह सार्वजनिक परिवहन से लेकर किसानों तक के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाह रही है। हम अगले 25 वर्षों में आर्थिक विकास में एसटीएम की जबरदस्त भूमिका देख रहे हैं। उद्योग और अकादमिक दोनों को इस बदलाव के लिए तैयार रहना होगा।

अवनीत सिंह मारवाह, सीईओ, एसपीपीएल
यह बजट घोषणाओं और नारों की तरह है। मुझे आश्चर्य है कि स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए बजट में कुछ खास नहीं दिया गया जो कि महामारी के बावजूद अर्थव्यवस्था के दो मुख्य स्तंभ हैं। सरकार एक तरफ तारीफ करती है कि कैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, अर्थव्यवस्था में 1 ट्रिलियन का योगदान देगा और दूसरी तरफ उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है और ना ही कोई रोडमैप नहीं दिया गया। सरकार को GST टैक्स स्लैब को 28% से घटाकर 18% करना चाहिए था। 

UBON, मनदीप अरोड़ा, प्रबंध निदेशक
केंद्रीय बजट ने केंद्रीय बजट 2022 में इलेक्ट्रॉनिक्स और फोन के पार्ट्स के आयात शुल्क में बदलाव किया है। उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं के पार्ट्स पर सीमा शुल्क में संशोधन स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक उत्साहजनक कदम है। इससे मोबाइल फोन और चार्जर की कीमत में कमी आ सकती है।

विंगजॉय, ललित अरोड़ा, सह-संस्थापक
हम केंद्रीय बजट 2022 का स्वागत करते हैं। इलेक्ट्रॉनिक निर्माण, वियरेबल जैसे प्रोडक्ट्स के लिए सीमा शुल्क में छूट दी जाएगी जिसमें कैमरा मॉड्यूल आदि सहित मोबाइल फोन के कुछ हिस्सों पर रियायतें शामिल हैं। यह उपभोक्ता ड्यूरेबलिटी प्रोडक्ट के निर्माण में काम करने वाली कंपनियों के लिए एक उत्साहजनक कदम होगा। मोबाइल फोन देश के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात का एक बड़ा हिस्सा हैं, इसलिए सरकार का यह कदम एक सकारात्मक कदम है। 

महेश गुप्ता, चेयरमैन, केंट आरओ सिस्टम्स लिमिटेड
केंद्रीय बजट 2022 का उद्देश्य वित्तीय सुधारों और डिजिटल साक्षरता योजना जैसे सशक्त उपायों के माध्यम से ग्रामीण आबादी का विकास सुनिश्चित करके भारत की नींव को मजबूत करना है। यह बजट महामारी के कारण बहुत ही चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल के बीच स्ट्रक्चरल बदलावों को संबोधित करता है। रोजगार के नए मौके पैदा करने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन और ग्रामीण शिक्षा पर सरकार का जोर काबिले तारीफ है।

विस्तार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट 2022-23 को लेकर जहां आम वर्ग में नाराजगी है, वहीं कॉरपोरेट जगत काफी खुश नजर आ रहा है। बजट 2022 को लेकर पहले से ही मांग थी कि आयात शुल्क को कम किया। सरकार ने आयात शुल्क को कम कर दिया है जिसके बाद इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट और गैजेट के सस्ते होने की उम्मीद की जा रही है। इस बजट के बाद एक अप्रैल से मोबाइल फोन और चार्जर के सस्ते होने की उम्मीद है। बता दें कि सीतारमण का 90 मिनट का यह भाषण उनका अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण था। बजट 2022 पर कॉरपोरेट जगत ने क्या कहा है, आइए जानते हैं…

लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. एसपी कोचर, डीजी सीओएआई

वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट विकास समर्थक है जिसमें डिजिटल इंडिया पहल को और गति प्रदान करने पर जोर दिया गया है। हम डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए और 5जी मोबाइल सेवाओं के रोलआउट के लिए 2022 में आवश्यक स्पेक्ट्रम नीलामी की घोषणा को देखकर खुश हैं। भारतनेट परियोजना के तहत 5जी उपकरणों के लिए पीएलआई योजना को सुगम बनाने, पीपीपी मॉडल के माध्यम से ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के माध्यम से सस्ती ब्रॉडबैंड और मोबाइल सेवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रगतिशील निर्णय लेने का प्रस्ताव स्वागत योग्य कदम है। हम अपने माननीय प्रधान मंत्री के डिजिटल इंडिया विजन को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, हालांकि, हम इस बात से थोड़ा निराश हैं कि हमारी लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं हुई हैं। हम दूरसंचार क्षेत्र पर शुल्क में कमी के लिए सरकार के साथ निरंतर और रचनात्मक जुड़ाव की आशा करते हैं।

आनंद महिंद्रा

महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, ”सीतारमण का सबसे छोटा भाषण सबसे प्रभावशाली साबित हो सकता है। संक्षिप्तता हमेशा एक गुण रहा है।’

प्रदीप बख्शी, एमडी और सीईओ, वोल्टास लिमिटेड

आत्मनिर्भर अभियान से प्रेरणा लेते हुए बजट 2022 घरेलू बाजार में विकास को गति प्रदान करता है। बजट 2022 में वित्त मंत्री द्वारा किए गए एलान न केवल घरेलू क्षमता निर्माण का समर्थन करेंगे बल्कि कच्चे माल की आपूर्ति बाधाओं को भी कम करेंगे। कच्चे माल के लिए पीएलआई योजना का एलान भारत में कंज्यूमर ड्यूरेबल क्षेत्र के संजीवना साबित होगा।

अभिषेक गोयल, सीईओ और सह-संस्थापक, CACTUS

अगले 25 वर्षों में अर्थव्यवस्था में परिवर्तन लाने के लिए प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करना अच्छा है। सरकार की नीतियों से साफ है कि वह सार्वजनिक परिवहन से लेकर किसानों तक के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाह रही है। हम अगले 25 वर्षों में आर्थिक विकास में एसटीएम की जबरदस्त भूमिका देख रहे हैं। उद्योग और अकादमिक दोनों को इस बदलाव के लिए तैयार रहना होगा।

अवनीत सिंह मारवाह, सीईओ, एसपीपीएल

यह बजट घोषणाओं और नारों की तरह है। मुझे आश्चर्य है कि स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए बजट में कुछ खास नहीं दिया गया जो कि महामारी के बावजूद अर्थव्यवस्था के दो मुख्य स्तंभ हैं। सरकार एक तरफ तारीफ करती है कि कैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, अर्थव्यवस्था में 1 ट्रिलियन का योगदान देगा और दूसरी तरफ उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है और ना ही कोई रोडमैप नहीं दिया गया। सरकार को GST टैक्स स्लैब को 28% से घटाकर 18% करना चाहिए था। 

UBON, मनदीप अरोड़ा, प्रबंध निदेशक

केंद्रीय बजट ने केंद्रीय बजट 2022 में इलेक्ट्रॉनिक्स और फोन के पार्ट्स के आयात शुल्क में बदलाव किया है। उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं के पार्ट्स पर सीमा शुल्क में संशोधन स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक उत्साहजनक कदम है। इससे मोबाइल फोन और चार्जर की कीमत में कमी आ सकती है।

विंगजॉय, ललित अरोड़ा, सह-संस्थापक

हम केंद्रीय बजट 2022 का स्वागत करते हैं। इलेक्ट्रॉनिक निर्माण, वियरेबल जैसे प्रोडक्ट्स के लिए सीमा शुल्क में छूट दी जाएगी जिसमें कैमरा मॉड्यूल आदि सहित मोबाइल फोन के कुछ हिस्सों पर रियायतें शामिल हैं। यह उपभोक्ता ड्यूरेबलिटी प्रोडक्ट के निर्माण में काम करने वाली कंपनियों के लिए एक उत्साहजनक कदम होगा। मोबाइल फोन देश के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात का एक बड़ा हिस्सा हैं, इसलिए सरकार का यह कदम एक सकारात्मक कदम है। 

महेश गुप्ता, चेयरमैन, केंट आरओ सिस्टम्स लिमिटेड

केंद्रीय बजट 2022 का उद्देश्य वित्तीय सुधारों और डिजिटल साक्षरता योजना जैसे सशक्त उपायों के माध्यम से ग्रामीण आबादी का विकास सुनिश्चित करके भारत की नींव को मजबूत करना है। यह बजट महामारी के कारण बहुत ही चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल के बीच स्ट्रक्चरल बदलावों को संबोधित करता है। रोजगार के नए मौके पैदा करने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन और ग्रामीण शिक्षा पर सरकार का जोर काबिले तारीफ है।

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