Union Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश कर रही हैं। यह वर्ष की सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय घटना है और इस पर उद्योगपतियों और निवेशकों समेत आम लोगों की नजर भी रहती है। कोरोना महामारी संकट के बीच पेश किए जाने वाले बजट में सरकार की क्या प्राथमिकताएं होंगी और नौकरीपेशा व आमलोगों के लिये इसमें क्या होगा? फिल्म इंडस्ट्री के लिए भी ये बजट खास होने वाला है क्योंकि कोरोना के बाद फिल्म इंडस्ट्री खुद को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष कर रही है।
अरबों का नुकसान झेल रही फिल्म इंडस्ट्री
पिछले 2 साल से अरबों का नुकसान झेल रही फिल्म इंडस्ट्री हर बार उबरने की कोशिश करती है लेकिन कोरोना के बढ़ते मामले उसे फिर से बैकफुट पर धकेल देते हैं। देश के कई राज्यों में सिनेमाघर या तो बंद हैं या फिर 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोले गए हैं। ऐसे में आरआरआर, पृथ्वीराज, गंगूबाई काठियावाड़ी जैसे फिल्में रिलीज होने के लिए तैयार हैं। कोरोना काल में सिनेमाघरों की स्थिति किसी से छिपी हुई नहीं है ऐसे में बिग बजट की फिल्में अपनी लागत निकालने में भी असमर्थ हैं। इसे फिर से खड़ा करने के लिए और आगे बढ़ाने के लिए सरकारी समर्थन की बहुत आवश्यकता है क्योंकि अगर ये मजबूत होगा तो भारत की अर्थव्यवस्था में भी मजबूती आएगी।
टैक्स में मिले छूट
अब जब फिल्म प्रोडक्शन फिर से शुरू हो गया है तो निर्माताओं के लिए थियेटर प्रदर्शन कमतर लाभदायक विकल्प बना हुआ है। सिनेमाघरों में जारी की गई मुट्ठी भर फिल्में भी कम ही हैं। ऐसे में सरकार के पास टिकट में टैक्स माफ करने का विकल्प हो सकता है। इतना ही नहीं कोरोना काल में टूट चुकी मनोरंजन इंडस्ट्री के लोगों का मानना है कि सिनेमा के उपकरणों पर लगने वाले जीएसटी/टैक्स को कम किया जाना चाहिए।
भारत में हर साल करीब कई भाषाओं में 1500 से अधिक फिल्में बनती हैं। कोरोना की वजह से जब लोग ओटीटी पर शिफ्ट हुए हैं ऐसे में पिछले साल करीब 400 फिल्में और सीरीज ओटीटी पर रिलीज हुई। आने वाले समय में इस संख्या में और बढ़ोतरी ही होने वाली है। ऐसे में सरकार को इस विषय पर कुछ कदम जरूर उठाने चाहिए।
