संगीत की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने वाले एआर रहमान आज अपना 55 वां जन्मदिन मना रहे हैं। 6 जनवरी 1967 को चेन्नई में जन्मे रहमान का असली नाम दिलीप कुमार था और हिंदू परिवार में उनका जन्म हुआ था। सोशल मीडिया पर पैंस उन्हें जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं। रहमान ने अपनी रचनाओं से रहमान ने ना सिर्फ देश में बल्कि दुनिया में भी नाम कमाया और तिरंगे का मान बढ़ाया है। रहमान जब 9 साल के थे तभी उनके पिता का निधन हो गया था और परिवार की जिम्मेदारियां उनके कंधे पर आ गईं। लेकिन रहमान ने हार नहीं मानी, कड़ी मेहनत की और ऑस्कर से लेकर ग्रैमी अवार्ड तक का सफर तय किया।
रहमान की जिंदगी की जिंदगी में विवाद तो कुछ खास नहीं रहे लेकिन 2015 में रिलीज हुई फिल्म ‘पैंगबरः द मैसेंजर ऑफ गॉड’ को लेकर रहमान के खिलाफ फतवा जारी किया गया था। इसमें पैंगबर मोहम्मद साहब के चेहरा दिखाने को लेकर खूब विवाद हुआ था। फिल्म के निर्देशक माजिद मजीदी ने फिल्म का प्रभाव बढ़ाने के लिए इसका संगीत ऑस्कर अवार्ड विजेता भारतीय संगीतकार एआर रहमान से बनवाया था।
सुन्नी मुस्लिम समुदाय ने संगीतकार एआर रहमान को फतवा जारी कर उनपर पैगंबर का मजाक बनाने का आरोप लगाया था। हालांकि रहमान ने इसका जवाब देते हुए कहा था कि उन्होंने कोई इस्लाम विरोधी कार्य नहीं किया है। रहमान ने कहा था कि मैं इस्लाम का विद्वान नहीं हूं। मैंने तो बस इस्लाम से प्रेम की वजह से उस फिल्म में संगीत दिया था। इस मामले में मुझे घसीटने का फतवा जारी करने का कोई मतलब नहीं है।
इसी बीच विश्व हिन्दू परिषद ने एआर रहमान को घर वापसी करने की सलाह दे डाली थी। आपको बता दें, साल 1984 अपनी बहन की तबीयत खराब होने के दौरान रहमान के परिवार की मुलाकात एक कादरी से हुई। उसके बाद बहन का ठीक होना और जुड़ाव इस कदर बढ़ा कि वर्ष 1989 में उनके परिवार ने इस्लाम धर्म अपना लिया और दिलीप कुमार बन गए ए आर रहमान।
सिंगर एआर रहमान 55 वर्ष के हो चुके हैं। मगर आज भी उनकी आवाज में वही जादू बरकरार है। ए आर रहमान ने अपने अब तक के करियर में कई भाषाओं में गाने बनाए हैं। साल 1995 में रहमान की शादी सायरा बानो से हुई थी। उनके तीन बच्चे हैं- खदीजा, रहीम और अमन।
