ये उन दिनों की बात है जब गीतकार गुलजार और निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी दोनों के बीच खूब बैठकी हुआ करती।एक दिन दोनों बंबई (अब मुंबई) से कार लेकर निकले और जा पहुंचे एक शोख, चंचल, युवती जया भादुड़ी से मिलने। जया पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट में एक्टिंग की पढ़ाई कर रही थीं। जया को फिल्म इंस्टीट्यूट के मुखिया का बुलावा पहुंचा। वह दफ्तर में आईं तो वहां ऋषिकेश मुखर्जी और गुलजार को पाया। ये दोनों वहां पहुंचे थे महान निर्देशक सत्यजीत रे की फिल्म ‘महानगर’ देखकर। अपनी अगली फिल्म के लिए इन्हें ऐसी ही किसी मासूम लड़की की तलाश थी जो ‘बोले रे पपीहरा..’ गाए तो परदे पर एक कामुक युवती लगे और ‘हमको मन की शक्ति देना…’ गाए तो बिल्कुल स्कूल की बच्ची भी लगे। इसी रोल के लिए डिंपल कपाड़िया का फोटो भी ऋषिकेष मुखर्जी तक पहुंचा था लेकिन ऋषिकेश को जो गुड्डी चाहिए थी, वह उन्हें जया भादुड़ी में मिली। ‘गुड्डी’ हिंदी सिनेमा में जया की पहली फिल्म है। और, इस लिहाज से शुक्रवार को जया भादुड़ी ने हिंदी सिनेमा में बतौर हीरोइन 50 साल पूरे कर लिए।
Bioscope S2: हिंदी सिनेमा में जया बच्चन ने पूरे किए 50 साल, ऋषिकेश मुखर्जी को ऐसे मिली थी ‘गुड्डी’
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