बिग बॉस के सीजन 15 का 5वां हफ्ता चल रहा है और अब घर में सभी कंटेस्टेंट्स गेम मोड में आ गए हैं। बिग बॉस के इस सीजन को फैंस के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए मेकर्स कई ट्विस्ट लेकर आ रहे हैं, जिसमें वीआईपी रूम भी शामिल है। घर में बिग बॉस ने वीआईपी रूम बनाया है और इस रूम में जो भी अपनी जगह बनाए रखेगा, वही बिग बॉस 15 के फिनाले का हकदार होगा। निशांत भट्ट, तेजस्वी प्रकाश, विशाल कोटियन, करण कुंद्रा और उमर रियाज इस रूम में पहुंच गए हैं। घर में निशांत भट्ट प्रतीक सहजपाल के सबसे ज्यादा करीब हैं लेकिन अब तक प्रतीक इस रूम में नहीं पहुंच पाए हैं। इसी वजह से अब दोनों के बीच भी बहस शुरू हो गई है। इतना ही नहीं, इस बहस के बीच प्रतीक ने निशांत को ये भी कह दिया कि उन्हें किसी के एहसान की जरूरत नहीं है।
दरअसल, देर रात निशांत भट्ट और प्रतीक सहजपाल बात कर रहे थे। इस दौरान दोनों वीआईपी रूम में जाने के वाले टास्क की बात करते हैं, जिसमें निशांत प्रतीक के लिए खेलते हुए नजर नहीं आए थे। प्रतीक कहते हैं कि मुझे जिंदगी में कभी किसी का एहसान नहीं चाहिए। इसके आगे प्रतीक कहते हैं कि मैं कभी भी तेरी पॉजिशन को दांव पर रखकर इस शो में आगे नहीं बढ़ना चाहता हूं। मुझे लगता है कि उन चारों (करण, तेजस्वी, विशाल और उमर) की वजह से तेरी मेहनत खराब हो सकती है। मुझे कुछ बातें अजीब लगी हैं बस यही बात है।
इस पर निशांत कहते हैं, ‘मुझे नहीं पता कि वीआईपी रूम में कौन-कौन अंदर आएगा और करण कुंद्रा का प्लान कब तक चलेगा। लेकिन एक चीज साफ है कि अगर अंदर किसी के आने से या जाने से मेरी पॉजिशन पर असर होता है तो मुझे परेशानी होगी।’ इसी दौरान प्रतीक निशांत से पूछते हैं कि तुझे क्या लगता है तेरी उन चारों से ज्यादा बनेगी या मुझसे? इस पर निशांत कहते हैं कि मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता। किसी से भी बने। इस दौरान दोनों के बीच धीरे-धीरे बहस होने लगती है और फिर निशांत प्रतीक से कहते हैं कि आखिर में तू वही करेगा जो तुझे करना है इसलिए बात नहीं करते हैं।
इस दौरान प्रतीक फिर से कहते हैं कि मैंने जिंदगी में कभी किसी का एहसान नहीं लिया है और ये मुझे पसंद भी नहीं है। प्रतीक का ये बात बार-बार कहना निशांत को खास पसंद नहीं आया। जिस वजह से वह उठकर जाने लगते हैं।
इस बहस में निशांत प्रतीक को ये भी कहते हैं कि आज के बाद ना तू मेरे लिए कुछ करना और ना ही मैं तेरे लिए कुछ करूंगा। क्योंकि तुझे चीजों की कदर नहीं है और ना ही तू कुछ सुनना चाहता है। तू मुझे बार-बार बोल रहा है कि मैं उन लोगों से दब रहा हूं या मैं खुद का कोई प्वाइंट नहीं रखा रहा हूं। निशांत की ये बातें सुनने के बाद प्रतीक भी कहते हैं कि आज के बाद तू मुझे फेवर मत करियो।
