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Basant Panchami 2022: बसंत पंचमी पर करें ये उपाय, छात्रों को मिलेगी शिक्षा में खूब सफलता

Basant Panchami 2022: वसंत पंचमी के दिन विद्यार्थी श्वेत या पीले वस्त्र पहन कर पढ़ने की मेज पर ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में बुद्धि के देवता श्री गणेश और शिक्षा की देवी मां सरस्वती की तस्वीर लगाएं।

अनीता जैन ,वास्तुविद
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Tue, 01 Feb 2022 01:00 PM IST

सार

Basant Panchami 2022 Remedies: जो विद्यार्थी पढ़ाई में कमजोर हैं या जिनको बार बार प्रयास करने के बाद भी सफलता हासिल नहीं हो रही है ऐसे छात्रों के लिए वसंत पंचमी के दिन कुछ उपाय करने से उनका पढ़ाई में मन भी लगेगा और उनको शिक्षा में सफलता मिलेगी।

Basant Panchami 2022: वसंत पंचमी के दिन विद्यार्थी श्वेत या पीले वस्त्र पहन कर पढ़ने की मेज पर ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में बुद्धि के देवता श्री गणेश और शिक्षा की देवी मां सरस्वती की तस्वीर लगाएं।
– फोटो : istock

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विस्तार

Basant Panchami 2022 Remedies: माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को ज्ञान, वाणी, बुद्धि, विवेक, विद्या और सभी कलाओं से परिपूर्ण मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। खासतौर पर यह दिन शिक्षा एवं कला से जुड़े हुए लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है इसलिए यह दिन नई विधा, कला, संगीत आदि सीखने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। छोटे बच्चों को इस दिन अक्षर लिखवाकर उनकी शिक्षा का शुभारंभ किया जाता है। ऐसा करने से पूरे विद्यार्थी जीवन में मां सरस्वती की कृपा बनी रहती है, शिक्षा में आशातीत सफलता प्राप्त होती है। जो विद्यार्थी पढ़ाई में कमजोर हैं या जिनको बार बार प्रयास करने के बाद भी सफलता हासिल नहीं हो रही है ऐसे छात्रों के लिए वसंत पंचमी के दिन कुछ उपाय करने से उनका पढ़ाई में मन भी लगेगा और उनको शिक्षा में सफलता मिलेगी।

  • कई बार घर में इस तरह का वास्तुदोष होता है जिस कारण विद्यार्थियों को शिक्षा में अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाता। इसलिए आपका बच्चा कहां पढ़ रहा है, पढ़ते वक्त किस दिशा में उसका चेहरा है, इस बात पर गौर करना वेहद जरूरी हो जाता है। परीक्षा में सफलता के लिए मेहनत के साथ-साथ अध्ययन कक्ष का सही दिशा में होना बहुत आवश्यक है।
  • पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा ध्यान और शांति की दिशा मानी गई है व सकारात्मक ऊर्जाओं का प्रभाव भी इसी दिशा में सबसे अधिक होता है। अतः ध्यान रहे कि अध्ययन कक्ष इन्हीं दिशाओं में हो और पढ़ते समय चेहरा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रहे।
  • पढ़ाई की मेज रखने की सबसे उपयुक्त जगह उत्तर जोन है,यहां मेज रखने से बच्चे करियर पर सबसे ज्यादा ध्यान देते है।
  • पढ़ाई हेतु कमरे में पुस्तकों की छोटी और हल्की रैक या अलमारी पूर्व या उत्तर दिशा में होनी चाहिए।
  • वसंत पंचमी के दिन विद्यार्थी श्वेत या पीले वस्त्र पहन कर पढ़ने की मेज पर ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में बुद्धि के देवता श्री गणेश और शिक्षा की देवी माँ सरस्वती की तस्वीर लगाएं।
  • मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा करने के दौरान उनको पीले पुष्प, पीले रंग की मिठाई या खीर जरूर अर्पित करना चाहिए।
  • इसके अलावा उनको केसर या पीले चंदन का टीका लगाएं एवं पीले वस्त्र भेंट करें। इसके साथ ही पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबों को रखें, ऐसा करने से  मां सरस्वती की कृपा से ही व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि, विवेक के साथ विज्ञान, कला और संगीत में महारत हासिल करने का आशीष मिलता है।
  • अगर विद्यार्थी का मन पढ़ाई में नहीं लगता है तो उन्हें मां सरस्वती के मूल मंत्र  ‘ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः’ का जाप करना चाहिए। मंत्र का जाप ब्रह्म वेला में, स्वच्छ आसन पर बैठकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए।

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