स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, बर्मिंघम
Published by: रोहित राज
Updated Sat, 19 Mar 2022 09:12 PM IST
सार
लक्ष्य की नजर अब फाइनल में इतिहास रचने पर होगी। वे इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बनना चाहेंगे। उनसे पहले दो खिलाड़ियों ने पुरुष एकल में ऐसा किया है। प्रकाश पादुकोण 1980 और पुलेला गोपीचंद ने 2001 में चैंपियन बने थे।
लक्ष्य सेन
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
भारत के युवा शटलर लक्ष्य सेन ने ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप में कमाल कर दिया। उन्होंने सेमीफाइनल में मलेशिया के ली जी जिया को हरा दिया। लक्ष्य ने डिफेंडिंग चैंपियन ली जी जिया को तीन गेम तक चले मुकाबले में हराया। उन्होंने यह मुकाबला 21-13, 12-21, 21-19 से अपने नाम किया। लक्ष्य और ली जी जिया के बीच यह मुकाबला 76 मिनट तक चला।
लक्ष्य की नजर अब फाइनल में इतिहास रचने पर होगी। वे इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बनना चाहेंगे। उनसे पहले दो खिलाड़ियों ने पुरुष एकल में ऐसा किया है। प्रकाश पादुकोण 1980 और पुलेला गोपीचंद ने 2001 में चैंपियन बने थे। 20 साल के लक्ष्य वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुके हैं।
लक्ष्य को क्वार्टरफाइनल में मिला था वॉकओवर
इससे पहले लक्ष्य को क्वार्टरफाइनल में वॉकओवर मिला था। चीन के लू गुआंग जू ने शुक्रवार (18 मार्च) को होने वाले क्वार्टर फाइनल मुकाबले से अपना नाम वापस ले लिया था। फाइनल में लक्ष्य का मुकाबला विक्टर एक्सेलसन और चाऊ तिएन चेन के बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा। लक्ष्य ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाले भारत के कुल पांचवें शटलर हैं।
फाइनल में भारतीय शटलर का प्रदर्शन
साल | शटलर | नतीजा |
1947 | प्रकाश नाथ | उप-विजेता |
1980 | प्रकाश पादुकोण | विजेता |
1981 | प्रकाश पादुकोण | उप-विजेता |
2001 | पुलेला गोपीचंद | विजेता |
2015 | साइना नेहवाल | उप-विजेता |
दूसरा गेम हार गए थे लक्ष्य
लक्ष्य ने मैच की शुरुआत शानदार तरीके से की थी। उन्होंने पहला गेम आसानी से 21-13 से अपने नाम कर लिया था। इसके बाद दूसरे गेम में लक्ष्य अपना लय गंवा बैठे थे। उन्हें 12-21 से हार मिली थी। तीसरा गेम काफी रोमांचक हुआ। लक्ष्य लगातार पीछे चल रहे थे। ऐसा लग रहा था कि ली जी जिया जीत जाएंगे, लेकिन लक्ष्य ने पासा पलट दिया। उन्होंने आखिरी मिनटों में शानदार खेल दिखाते हुए गेम को 21-19 से अपने नाम कर लिया।