न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Sun, 13 Feb 2022 08:46 PM IST
सार
निदेशालय ने रविवार को बताया कि संजय अग्रवाल को 11 फरवरी को हैदराबाद में एक विशेष धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में पेश किया गया और अदालत ने उसे 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
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विस्तार
अग्रवाल ‘घनश्यामदास जेम्स एंड ज्वेल्स’, हैदराबाद में एक प्रबंधन पार्टनर है। यह कंपनी सोने का थोक व्यापार करती है। निदेशालय ने शुल्क-मुक्त निर्यात के लिए निर्धारित सोने का घरेलू बाजार में व्यापार करने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक अन्य मामले में भी अग्रवाल को गिरफ्तार किया था।
एजेंसी ने कहा कि ताजा मामला ‘ऋण धोखाधड़ी’ से जुड़ा है, जिसमें हैदराबाद की भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 67 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। जांच में पाया गया कि साल 2010-2011 में अग्रवाल ने फर्जी और जाली बैंक गारंटी और पीएनबी द्वारा जारी किए गए कवर पत्रों को दिखाकर एसबीआई से सोने के बुलियन खरीदे और फिर विभिन्न आभूषण विक्रेताओं और छोटे कारोबारियों को नकद बेच दिया।
इसमें आरोप लगाया गया है कि अग्रवाल ने अपनी पत्नी, भाइयों और अपने कर्मचारियों के नाम पर स्थापित कई अन्य कंपनियों में इस नकद राशि को हस्तांतरित किया। एसबीआई ने पाया कि बैंक गारंटी और पत्र फर्जी थे। अग्रवाल और उनके भाइयों अजय और विनय ने 17 अगस्त, 2011 को हैदराबाद के एबिड्स में अपने स्टोर पर रखे सोने और आभूषणों के पूरे भंडार को गुप्त रूप से हटा दिया।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी अग्रवाल और अन्य के खिलाफ आभूषणों को धोखाधड़ी और पंजाब नेशनल बैंक को 31.97 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के लिए मामला दर्ज किया है।
