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सुप्रीम कोर्ट: उद्धव सरकार को बड़ा झटका, अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका हुई खारिज

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Wed, 18 Aug 2021 12:57 PM IST

सार

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दी जिसमें उसने अनिल देशमुख द्वारा किए गए सभी पोस्टिंग और ट्रांसफर की सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती दी थी। 

उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
– फोटो : Facebook

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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी से पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण, तैनाती और एक पुलिस अधिकारी की बहाली से संबंधित दो पैराग्राफ हटाने का अनुरोध किया गया था।

जज डी वाई चंद्रचूड़ और एम आर शाह की पीठ ने कहा कि वह बंबई हाईकोर्ट के 22 जुलाई के आदेश में हस्तक्षेप नहीम करना चाहती है। इसके साथ ही पीठ ने याचिका खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि किन पहलुओं पर जांच होगी यह निर्धारित कर वह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने के संवैधानिक अदालत के आदेश को कमतर नहीं कर सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को आरोपों के सभी पहलुओं की जांच करनी है और हम उन्हें सीमित नहीं कर सकते। यह एक संवैधानिक अदालत की शक्तियों को नकारने जैसा होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जांच का विरोध करने से ऐसा लगता है कि राज्य सरकार पूर्व मंत्री को बचाने का प्रयास कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य को प्रशासन में पारदर्शिता लाने के लिए किसी भी जांच के लिए तैयार रहना चाहिए और निष्पक्ष जांच की अनुमति देनी चाहिए। बता दें कि सीबीआई जांच की अनुमति देने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। 

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी से पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण, तैनाती और एक पुलिस अधिकारी की बहाली से संबंधित दो पैराग्राफ हटाने का अनुरोध किया गया था।

जज डी वाई चंद्रचूड़ और एम आर शाह की पीठ ने कहा कि वह बंबई हाईकोर्ट के 22 जुलाई के आदेश में हस्तक्षेप नहीम करना चाहती है। इसके साथ ही पीठ ने याचिका खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि किन पहलुओं पर जांच होगी यह निर्धारित कर वह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने के संवैधानिक अदालत के आदेश को कमतर नहीं कर सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को आरोपों के सभी पहलुओं की जांच करनी है और हम उन्हें सीमित नहीं कर सकते। यह एक संवैधानिक अदालत की शक्तियों को नकारने जैसा होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जांच का विरोध करने से ऐसा लगता है कि राज्य सरकार पूर्व मंत्री को बचाने का प्रयास कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य को प्रशासन में पारदर्शिता लाने के लिए किसी भी जांच के लिए तैयार रहना चाहिए और निष्पक्ष जांच की अनुमति देनी चाहिए। बता दें कि सीबीआई जांच की अनुमति देने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। 

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