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कैबरे क्वीन बिंदु को सुननी पड़ती थीं सरेआम गालियां, लेकिन हर फिल्म में देखना चाहते थे दर्शक

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हिंदी सिनेमा में 70-80 का ऐसा दौर था जब नायिकाओं के साथ खलनायिकाओं का भी अहम रोल हुआ करता था। उसी दौर में एक्ट्रेस बिंदु ने एंट्री की और देखते ही देखते उन्होंने अपनी अलग पहचान बना ली। हिन्दी सिनेमा की कई ऐसी वैंप रहीं जो आज भी अपने एक किरदार या गाने से सालों तक लोगों को याद रहीं और रहेंगी भी। ऐसी ही एक वैंप रहीं हैं बिंदु यानी की ‘मोना डार्लिंग’।  
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कैबरे क्वीन बिंदु को सुननी पड़ती थीं सरेआम गालियां, लेकिन हर फिल्म में देखना चाहते थे दर्शक

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सिनेमा

हिंदी सिनेमा में 70-80 का ऐसा दौर था जब नायिकाओं के साथ खलनायिकाओं का भी अहम रोल हुआ करता था। उसी दौर में एक्ट्रेस बिंदु ने एंट्री की और देखते ही देखते उन्होंने अपनी अलग पहचान बना ली। हिन्दी सिनेमा की कई ऐसी वैंप रहीं जो आज भी अपने एक किरदार या गाने से सालों तक लोगों को याद रहीं और रहेंगी भी। ऐसी ही एक वैंप रहीं हैं बिंदु यानी की ‘मोना डार्लिंग’।  


गाइड

आज हम बात करेंगे फिल्म गाइड की…गाइड हिंदी फिल्मों की मास्टरपीस तो मानी ही जाती है साथ ही इसके अंग्रेजी संस्करण ने कान्स में भी जलवा बिखेरा वो भी अपनी रिलीज के 42 साल बाद 2007 में… हालांकि इसका अंग्रेजी संस्करण अपने रिलीज के वक्त फ्लॉप रहा था जबकि डायरेक्टर टैड डेनियलवस्की ने इस फिल्म में वहीदा रहमान का एक न्यूड सीन भी रखा था जिसे बॉडी डबल पर फिल्माया गया था…देव आनंद और वहीदा रहमान की जोड़ी से सजी इस फिल्म ने गीत-संगीत, डायलॉग, एक्टिंग हर तरह से इतिहास रच दिया….


बॉलीवुड

दोस्तों आज बात होगी बॉलीवुड की उस फिल्म की जिसकी शूटिंग पहली बार विदेश में गई थी….ये फिल्म देश की पहली सबसे लंबी फिल्म भी थी…आजकल हर फिल्म में कोई न कोई सीन विदेश का होता ही है लेकिन एक जमाना था जब कम बजट की वजह से निर्माता-निर्देशक देश में ही फिल्म बनाना पसंद करते थे… 1964 में आई राजकपूर की फिल्म ‘संगम’ भारत की पहली फिल्म थी जिसे विदेश में शूट किया गया। यही नहीं…संगम देश की पहली सबसे लंबी फिल्म भी बनी जो 238 मिनट यानी करीब चार घंटे की है…


बदरुद्दीन जमालुद्दीन

आज बात होगी अपने जमाने के मशहूर कलाकार और कॉमेडियन जॉनी वॉकर की…हालांकि उनका असली नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी था …हिंदी सिनेमा के इतिहास में जॉनी वॉकर को चुनिंदा हास्य कलाकारों में याद किया जाता है। उन्होंने बॉलीवुड की कई शानदार फिल्मों में अपनी कॉमेडी से दर्शकों के दिलों को जीता है। एक आईब्रो उठाकर उनकी  संवाद अदायगी की कला और मसखरी मुस्कान के साथ तंज उन्हें दूसरों से अलग बनाते थे…उन्होंने करीब 300 फिल्मों में काम किया…तो चलिए शुरू करते हैं उनकी जिंदगी का सफर…. 


वैम्प

दोस्तों आज बात होगी अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री शशिकला की…शशिकला का नाम सुनते ही आपकी नजरों के सामने एक बुरी औरत की तस्वीर आ जाती होगी जो फिल्मों में वैम्प का किरदार अदा करती थी…लेकिन क्या आप जानते हैं कि शशिकला परदे पर जैसी दिखती थीं, वैसी थीं नहीं…असल जिंदगी में वो बेहद सौम्य, मृदुभाषी और रहमदिल थीं…वो खुद कहती थीं कि मुझे पता नहीं मैंने कैसे दुष्ट औरत के रोल कर लिए…उन्होंने करीब 100 बॉलीवुड फिल्मों में काम किया।


मोहम्मद रफी

दोस्तों आज हम बात करेंगे महान गायक मोहम्मद रफी की…बताएंगे कि उनके बच्चे उनकी किस बात को पसंद नहीं करते थे और 13 साल की उम्र में वो दुनिया की नजरों में कैसे आए और उन्होंने चार साल तक लता मंगेशकर के साथ गाना क्यों नहीं गया….रफी साहब को पहला ब्रेक पंजाबी फिल्म ‘गुलबलोच’ में मिला था। नौशाद और हुस्नलाल भगतराम ने रफी की प्रतिभा को पहचाना और खय्याम ने फिल्म ‘बीवी’ में उनसे गीत गवाए। 


आशा पारेख

दोस्तों आज बात होगी अपने जमाने की मशहूर और खूबसूरत अदाकारा आशा पारेख की…कैसे वो फिल्मों में आईं…किस सह अभिनेता को वो चाचा कहती थीं और किसके प्यार में पड़कर उन्होंने जिंदगी भर शादी नहीं की…चलिए शुरुआत करते हैं उनकी पैदाइश से….आशा पारेख का जन्म 2 अक्टूबर 1942 को गुजरात में हुआ था…उनकी मां सुधा आका सलमा एक बोहरी मुसलमान थीं और पिता बच्चूबाई पारेख गुजराती थे…मां ने बचपन से ही उन्हें नृत्य की तालीम देनी शुरू कर दी….


विश्वयुद्ध

दोस्तों आज हम बात करेंगे उस अभिनेता की जिसने दूसरा विश्वयुद्ध लड़ा…नेताजी सुभाष चंद्र बोस की फौज में रहे..रेलवे में फायरमैन की नौकरी की और बाद में बेहद कामयाब चरित्र अभिनेता बने और उन्हें भोजपुरी फिल्मों का पितामह भी कहा जाता है…जी हां…हम बात कर रहे हैं नजीर हुसैन की…


तरक्की

दोस्तों आज हम बात करेंगे उस अभिनेत्री की जो हिंदी सिनेमा की दौर दर दौर तरक्की की गवाह रहीं…पृथ्वीराज कपूर से लेकर उनके परिवार की चौथी पीढ़ी रणबीर कपूर तक के साथ उन्होंने काम किया…गजब की नृत्यांगना और अदाकारा जोहरा सहगल की….जोहरा सहगल का जन्म 27 अप्रैल 1912 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुआ था…


बेगम पारा

दोस्तों आज बात होगी उस अभिनेत्री की जिसके दीवाने अमेरिकी सैनिक भी थी…अपनी जेब में फोटो लेकर जंग लड़ते थे…वो न तो वो मधुबाला हैं और न ही नरगिस…और न ही सुरैया…इस अभिनेत्री का नाम है बेगम पारा…जी हां…आज की पीढ़ी ने शायद बेगम पारा का नाम ना सुना हो लेकिन एक्ट्रेस बेगम पारा ने 40 से 50 के दशक में बोल्ड फोटोशूट करवाकर हिंदी सिनेमा में भूचाल ला दिया था। हर तरफ बेगम पारा के चर्चे थे। बेगम पारा दिलीप कुमार की भाभी और अभिनेता अय्यूब खान की मां थीं…

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