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ब्रिक्स एनएसए की बैठक: अफगान संकट के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा के उभरते खतरों पर किया मंथन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Wed, 25 Aug 2021 12:01 AM IST
सार
ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मंगलवार को वर्चुअल बैठक हुई। इसमें अफगान संकट के बाद पैदा हुए हालात की समीक्षा की गई।
भारत की ओर से एनएसए अजित डोभाल शामिल हुए।
– फोटो : ani
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बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर यहा बात कही। मंत्रालय ने कहा कि आज की बैठक में अफगानिस्तान, ईरान, पश्चिम एशिया और खाड़ी में वर्तमान विकास और साइबर सुरक्षा जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते खतरों के संदर्भ में क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीतिक और सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा की गई। इस बैठक में भारत, चीन, रूस, ब्राजील के एनएसए शरीक हुए। भारत की ओर से एनएसए अजित डोभाल ने हिस्सा लिया।
वर्चुअल बैठक में भारत ने सीमापार आतंकवाद का मुद्दा उठाया और लश्करे तैयबा, जैशे मोहम्मद व अन्य आतंकी गुटों की गतिविधियों का मुद्दा उठाया। इन्हें सरकार का समर्थन है और ये शांति व सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
उच्च प्रतिनिधियों ने ब्रिक्स देशों की आतंकवाद विरोधी कार्य योजना को मंजूरी दी है। इसे ब्रिक्स शिखर सम्मेनल में पेश किया जाएगा। इसका उद्देश्य आतंकवाद के वित्त पोषण को बंद करने व उससे निपटने के मौजूदा तंत्र को और मजबूत किया जाएगा।
सायबर सुरक्षा के क्षेत्र में तय किया गया कि सूचनाओं के आदान प्रदान के माध्यम से इसके साझा प्रयासों को और मजबूत किया जाएगा। सायबर अपराध से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाया जाएगा। भारत ने इसी माह डिजिटल फोरेंसिक्स को लेकर एक ब्रिक्स वर्कशॉप का आयोजन किया था।
विस्तार
बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर यहा बात कही। मंत्रालय ने कहा कि आज की बैठक में अफगानिस्तान, ईरान, पश्चिम एशिया और खाड़ी में वर्तमान विकास और साइबर सुरक्षा जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते खतरों के संदर्भ में क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीतिक और सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा की गई। इस बैठक में भारत, चीन, रूस, ब्राजील के एनएसए शरीक हुए। भारत की ओर से एनएसए अजित डोभाल ने हिस्सा लिया।
वर्चुअल बैठक में भारत ने सीमापार आतंकवाद का मुद्दा उठाया और लश्करे तैयबा, जैशे मोहम्मद व अन्य आतंकी गुटों की गतिविधियों का मुद्दा उठाया। इन्हें सरकार का समर्थन है और ये शांति व सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
उच्च प्रतिनिधियों ने ब्रिक्स देशों की आतंकवाद विरोधी कार्य योजना को मंजूरी दी है। इसे ब्रिक्स शिखर सम्मेनल में पेश किया जाएगा। इसका उद्देश्य आतंकवाद के वित्त पोषण को बंद करने व उससे निपटने के मौजूदा तंत्र को और मजबूत किया जाएगा।
सायबर सुरक्षा के क्षेत्र में तय किया गया कि सूचनाओं के आदान प्रदान के माध्यम से इसके साझा प्रयासों को और मजबूत किया जाएगा। सायबर अपराध से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाया जाएगा। भारत ने इसी माह डिजिटल फोरेंसिक्स को लेकर एक ब्रिक्स वर्कशॉप का आयोजन किया था।
Meetings of the High Representatives Responsible for National Security have emerged as an important platform for exchange of views on political and security issues among BRICS countries: Ministry of External Affairs on BRICS NSAs virtual meet pic.twitter.com/nLGcoxwmHe
— ANI (@ANI) August 24, 2021