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दोषी करार: अमेरिकी नागरिकों से धोखाधड़ी मामले में दो भारतीयों को 27 महीने की सजा

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एजेंसी, वाशिंगटन।
Published by: Jeet Kumar
Updated Thu, 16 Dec 2021 12:05 AM IST

सार

दोनों को पहले ही वायर धोखाधड़ी के मामले में दोषी ठहराया गया था। उन्होंने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया था।

अदालत ने आरोपियों पर 22-22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
– फोटो : Social Media

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अमेरिका की एक अदालत ने दो भारतीयों को अमेरिकी नागरिकों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में 27 माह कैद की सजा सुनाई है। उन्हें अमेरिकी नागरिकों से ‘वायर’ धोखाधड़ी के जरिये 6,00,000 डॉलर से अधिक रकम लेने का दोषी ठहराया गया है।

न्यूजर्सी की एक संघीय अदालत के जिला न्यायाधीश जोसेफ रोड्रिगेज ने जीशान खान (22) और माज अहमद शम्सी (24) को यह सजा सुनाई है। दोनों को पहले ही वायर धोखाधड़ी के मामले में दोषी ठहराया गया था। उन्होंने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया था।

कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी रेचेल ए. होनिग ने कहा, शम्सी और खान पर देश भर में 19 लोगों से धोखाधड़ी से ‘वायर ट्रांसफर’ के जरिये 6,18,000 डॉलर प्राप्त करने के आरोप तय किए गए थे। ‘वायर ट्रांसफर’, बैंक ट्रांसफर या क्रेडिट ट्रांसफर एक व्यक्ति या संस्था से दूसरे व्यक्ति को ‘इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर’ करने का एक तरीका है।

इस तरह की धोखाधड़ी
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, भारत स्थित कुछ कॉल सेंटर का उपयोग कर पीड़ितों को रोबोकॉल की जाती थी। फोन करने वाला खुद को सामाज सुरक्षा प्रशासन, एफबीआई या औषधि प्रवर्तन प्रशासन का अधिकारी बताते थे और पीड़ित को अपनी बात न मानने पर कानूनी या वित्तीय मुकदमों में फंसाने की धमकी देते थे। वे पीड़ित के ‘पर्सनल कंप्यूटर’ तक पहुंच हासिल कर उसके बैंक खाते का ब्यौरा ले लेते थे।

विस्तार

अमेरिका की एक अदालत ने दो भारतीयों को अमेरिकी नागरिकों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में 27 माह कैद की सजा सुनाई है। उन्हें अमेरिकी नागरिकों से ‘वायर’ धोखाधड़ी के जरिये 6,00,000 डॉलर से अधिक रकम लेने का दोषी ठहराया गया है।

न्यूजर्सी की एक संघीय अदालत के जिला न्यायाधीश जोसेफ रोड्रिगेज ने जीशान खान (22) और माज अहमद शम्सी (24) को यह सजा सुनाई है। दोनों को पहले ही वायर धोखाधड़ी के मामले में दोषी ठहराया गया था। उन्होंने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया था।

कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी रेचेल ए. होनिग ने कहा, शम्सी और खान पर देश भर में 19 लोगों से धोखाधड़ी से ‘वायर ट्रांसफर’ के जरिये 6,18,000 डॉलर प्राप्त करने के आरोप तय किए गए थे। ‘वायर ट्रांसफर’, बैंक ट्रांसफर या क्रेडिट ट्रांसफर एक व्यक्ति या संस्था से दूसरे व्यक्ति को ‘इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर’ करने का एक तरीका है।

इस तरह की धोखाधड़ी

अदालती दस्तावेजों के अनुसार, भारत स्थित कुछ कॉल सेंटर का उपयोग कर पीड़ितों को रोबोकॉल की जाती थी। फोन करने वाला खुद को सामाज सुरक्षा प्रशासन, एफबीआई या औषधि प्रवर्तन प्रशासन का अधिकारी बताते थे और पीड़ित को अपनी बात न मानने पर कानूनी या वित्तीय मुकदमों में फंसाने की धमकी देते थे। वे पीड़ित के ‘पर्सनल कंप्यूटर’ तक पहुंच हासिल कर उसके बैंक खाते का ब्यौरा ले लेते थे।

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