न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Thu, 24 Mar 2022 11:27 AM IST
सार
कर्नाटक हाईकोर्ट ने शिक्षा संस्थानों में हिजाब पर पाबंदी के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने हिजाब को इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं माना है।
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के हिजाब विवाद को लेकर दायर याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने जल्दी सुनवाई का आग्रह करने वाले वरिष्ठ वकील देवदत्त कामथ से कहा कि वह केस को संवेदनशील न बनाएं।
कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को छात्राओं ने शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी है। इस पर गुरुवार को मेंशनिंग के दौरान छात्राओं के वकील कामथ ने सीजेआई एनवी रमण से कहा कि यह मामला अर्जेंट हैं, क्योंकि विद्यार्थी परीक्षा नहीं दे पाएंगे और उनका साल खराब हो जाएगा। इस पर जस्टिस रमण ने कहा कि इस मामले का परीक्षाओं से कोई लेना-देना नहीं है, मामले को संवेदनशील न बनाएं।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने शिक्षा संस्थानों में हिजाब पर पाबंदी के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने हिजाब को इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं माना है। मामले में पहले से भी सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब याचिकाओं की सुनवाई के लिए कोई विशेष तारीख देने से भी इनकार कर दिया। इससे पहले भी शीर्ष कोर्ट ने अपील पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था और होली की छुट्टी के बाद तक टाल दिया था।
पुन: परीक्षा नहीं ली जाएगी
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार हिजाब प्रतिबंध के कारण कई छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी। इस पर कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि परीक्षा छोड़ने वालों के लिए कोई पुन: परीक्षा नहीं ली जाएगी क्योंकि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। हाईकोर्ट ने जो कहा है हम उसका पालन करेंगे। अंतिम परीक्षा में अनुपस्थित का अर्थ है अनुपस्थित। रिपीट परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकती है।
जजों को वाई श्रेणी की सुरक्षा
इस बीच, हिजाब विवाद पर फैसला सुनाने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा दीक्षित और न्यायमूर्ति खाजी एम जयबुन्निसा को मौत की धमकी मिलने की शिकायत के बाद वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है।
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के हिजाब विवाद को लेकर दायर याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने जल्दी सुनवाई का आग्रह करने वाले वरिष्ठ वकील देवदत्त कामथ से कहा कि वह केस को संवेदनशील न बनाएं।
कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को छात्राओं ने शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी है। इस पर गुरुवार को मेंशनिंग के दौरान छात्राओं के वकील कामथ ने सीजेआई एनवी रमण से कहा कि यह मामला अर्जेंट हैं, क्योंकि विद्यार्थी परीक्षा नहीं दे पाएंगे और उनका साल खराब हो जाएगा। इस पर जस्टिस रमण ने कहा कि इस मामले का परीक्षाओं से कोई लेना-देना नहीं है, मामले को संवेदनशील न बनाएं।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने शिक्षा संस्थानों में हिजाब पर पाबंदी के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने हिजाब को इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं माना है। मामले में पहले से भी सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब याचिकाओं की सुनवाई के लिए कोई विशेष तारीख देने से भी इनकार कर दिया। इससे पहले भी शीर्ष कोर्ट ने अपील पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था और होली की छुट्टी के बाद तक टाल दिया था।
पुन: परीक्षा नहीं ली जाएगी
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार हिजाब प्रतिबंध के कारण कई छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी। इस पर कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि परीक्षा छोड़ने वालों के लिए कोई पुन: परीक्षा नहीं ली जाएगी क्योंकि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। हाईकोर्ट ने जो कहा है हम उसका पालन करेंगे। अंतिम परीक्षा में अनुपस्थित का अर्थ है अनुपस्थित। रिपीट परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकती है।
जजों को वाई श्रेणी की सुरक्षा
इस बीच, हिजाब विवाद पर फैसला सुनाने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा दीक्षित और न्यायमूर्ति खाजी एम जयबुन्निसा को मौत की धमकी मिलने की शिकायत के बाद वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है।
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