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हिंदी हैं हम: फिल्मों के माध्यम से कहानियां सुनाते हैं गौरव मिश्रा, जानें इनके बारे में सबकुछ

एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला
Published by: विजयाश्री गौर
Updated Thu, 04 Nov 2021 11:47 AM IST

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अमर उजाला ‘हिंदी हैं हम’ लघु फिल्म प्रतियोगिता में गौरव मिश्रा की फिल्म ‘माथे की बिंदी’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का सम्मान मिला है। उन्होंने इस फिल्म के लिए पांच लाख रुपये का इनाम जीता है।

कौन हैं गौरव मिश्रा

गौरव मिश्रा ने विस्लिंग वुड्स मुंबई से फिल्म निर्देशन की पढ़ाई की है। गौरव रेगमाल फिल्म्स के बैनर तले देश भर में विज्ञापन और डॉक्युमेंट्री फिल्मों के माध्यम से कहानियां सुनाते हैं। वह सिर्फ एक फिल्ममेकर ही नहीं है बल्कि लखनऊ से कई राज्यों में दाना-पानी के नाम से सोशल कैंपन भी चलाते हैं।

फिल्मों के माध्यम से कहानियां सुनाते हैं गौरव 

एक कहानी को सही दिशा दिखाना और फिर उसमें सटीक कलाकारों का चयन करने के साथ उनसे शानदार काम कराने की कला एक निर्देशक के अंदर होती है। वहीं जब वह कहानी कम वक्त में ही लोगों को दिखानी हो तो फिर यह जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इसमें गौरव मिश्रा का नाम शामिल है जिन्होंने लघु फिल्म प्रतियोगिता में अपने कला का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। 

विशेष समारोह में होगा फिल्म का प्रदर्शन

जल्द ही एक विशेष समारोह में इन फिल्मों का प्रीमियर आयोजित किया जाएगा और विजेताओं को सम्मान प्रदान किए जाएंगे।  

एक हजार एंट्रीज में से चुनी गई फिल्म

लगभग एक हजार से ज़्यादा प्रविष्टियां इस लघु फिल्म प्रतियोगिता के तहत विचारार्थ मिली थीं जिनमें से छह सर्वश्रेष्ठ फिल्मों का चुनाव किया गया है। एक-एक लाख के पांच अन्य पुरस्कारों के लिए जिन फिल्मकारों की फिल्में चुनी गई हैं, उनमें शाम्भव पांडेय की किताबी कीड़ा, शिवेंद्र प्रताप सिंह की धन्यवाद, अक्षांश योगेश्वर की गाय, नवीन अग्रवाल की सुकून और यशवर्धन गोस्वामी की मदर टंग शामिल हैं।

अमर उजाला ‘हिंदी हैं हम’ लघु फिल्म प्रतियोगिता में गौरव मिश्रा की फिल्म ‘माथे की बिंदी’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का सम्मान मिला है। उन्होंने इस फिल्म के लिए पांच लाख रुपये का इनाम जीता है।

कौन हैं गौरव मिश्रा

गौरव मिश्रा ने विस्लिंग वुड्स मुंबई से फिल्म निर्देशन की पढ़ाई की है। गौरव रेगमाल फिल्म्स के बैनर तले देश भर में विज्ञापन और डॉक्युमेंट्री फिल्मों के माध्यम से कहानियां सुनाते हैं। वह सिर्फ एक फिल्ममेकर ही नहीं है बल्कि लखनऊ से कई राज्यों में दाना-पानी के नाम से सोशल कैंपन भी चलाते हैं।

फिल्मों के माध्यम से कहानियां सुनाते हैं गौरव 

एक कहानी को सही दिशा दिखाना और फिर उसमें सटीक कलाकारों का चयन करने के साथ उनसे शानदार काम कराने की कला एक निर्देशक के अंदर होती है। वहीं जब वह कहानी कम वक्त में ही लोगों को दिखानी हो तो फिर यह जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इसमें गौरव मिश्रा का नाम शामिल है जिन्होंने लघु फिल्म प्रतियोगिता में अपने कला का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। 

विशेष समारोह में होगा फिल्म का प्रदर्शन

जल्द ही एक विशेष समारोह में इन फिल्मों का प्रीमियर आयोजित किया जाएगा और विजेताओं को सम्मान प्रदान किए जाएंगे।  

एक हजार एंट्रीज में से चुनी गई फिल्म

लगभग एक हजार से ज़्यादा प्रविष्टियां इस लघु फिल्म प्रतियोगिता के तहत विचारार्थ मिली थीं जिनमें से छह सर्वश्रेष्ठ फिल्मों का चुनाव किया गया है। एक-एक लाख के पांच अन्य पुरस्कारों के लिए जिन फिल्मकारों की फिल्में चुनी गई हैं, उनमें शाम्भव पांडेय की किताबी कीड़ा, शिवेंद्र प्रताप सिंह की धन्यवाद, अक्षांश योगेश्वर की गाय, नवीन अग्रवाल की सुकून और यशवर्धन गोस्वामी की मदर टंग शामिल हैं।

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