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हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान: भारतीय राजनयिक अंजू रंजन ने कहा- यूएन की पांच भाषाओं में मिले मान्यता

एजेंसी, जोहानसबर्ग।
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 14 Jan 2022 03:13 AM IST

सार

हिंदी में खुद कविताएं और अन्य साहित्यिक कृतियां लिख चुकीं भारतीय राजनयिक अंजू रंजन ने कहा कि भारत में हिंदी का जबरदस्त विकास हुआ है, लेकिन दुनिया भर में बड़ी संख्या में हिंदी भाषी लोगों के होने के बावजूद इस भाषा को वह दर्जा नहीं मिला जिसकी वह हकदार है।

बॉलीवुड फिल्मों से मिली हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान।
– फोटो : सोशल मीडिया

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बॉलीवुड फिल्मों से हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है, लेकिन इस भाषा को संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त पांच वैश्विक भाषाओं के साथ समुचित स्थान मिलना चाहिए। जोहानसबर्ग में भारत की महावाणिज्यदूत अंजू रंजन ने विश्व हिंदी दिवस के मौके पर आयोजित हो रहे कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में यह बात कही।

विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है। 1975 में इस दिन पहला विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित किया गया था। 2012 में दक्षिण अफ्रीका के हिंदी शिक्षा संघ ने सैंडटन कन्वेंशन सेंटर में सम्मेलन की सह-मेजबानी की थी और सम्मेलन के लिए इस स्थान का नाम गांधीग्राम कर दिया गया था।

हिंदी में खुद कविताएं और अन्य साहित्यिक कृतियां लिख चुकीं रंजन ने कहा कि भारत में हिंदी का जबरदस्त विकास हुआ है, लेकिन दुनिया भर में बड़ी संख्या में हिंदी भाषी लोगों के होने के बावजूद इस भाषा को वह दर्जा नहीं मिला जिसकी वह हकदार है।

रंजन ने कहा, अंग्रेजी, फ्रेंच, जापानीज, चाइनीज और रूसी भाषा को संयुक्त राष्ट्र की पांच प्रमुख भाषाओं के तौर पर मान्यता प्राप्त है और दुनिया में इनमें से कुछ भाषाओं की तुलना में हिंदी बोलने वाले अधिक हैं, तब भी हिंदी उस स्तर तक नहीं पहुंच पाई है।

विस्तार

बॉलीवुड फिल्मों से हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है, लेकिन इस भाषा को संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त पांच वैश्विक भाषाओं के साथ समुचित स्थान मिलना चाहिए। जोहानसबर्ग में भारत की महावाणिज्यदूत अंजू रंजन ने विश्व हिंदी दिवस के मौके पर आयोजित हो रहे कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में यह बात कही।

विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है। 1975 में इस दिन पहला विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित किया गया था। 2012 में दक्षिण अफ्रीका के हिंदी शिक्षा संघ ने सैंडटन कन्वेंशन सेंटर में सम्मेलन की सह-मेजबानी की थी और सम्मेलन के लिए इस स्थान का नाम गांधीग्राम कर दिया गया था।

हिंदी में खुद कविताएं और अन्य साहित्यिक कृतियां लिख चुकीं रंजन ने कहा कि भारत में हिंदी का जबरदस्त विकास हुआ है, लेकिन दुनिया भर में बड़ी संख्या में हिंदी भाषी लोगों के होने के बावजूद इस भाषा को वह दर्जा नहीं मिला जिसकी वह हकदार है।

रंजन ने कहा, अंग्रेजी, फ्रेंच, जापानीज, चाइनीज और रूसी भाषा को संयुक्त राष्ट्र की पांच प्रमुख भाषाओं के तौर पर मान्यता प्राप्त है और दुनिया में इनमें से कुछ भाषाओं की तुलना में हिंदी बोलने वाले अधिक हैं, तब भी हिंदी उस स्तर तक नहीं पहुंच पाई है।

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