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सुप्रीम कोर्ट : वरिष्ठता, योग्यता पर विचार के बाद ही की जाती है हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति

एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: Kuldeep Singh
Updated Mon, 06 Sep 2021 04:12 AM IST

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा कि हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति एक सुव्यवस्थित स्थापित प्रक्रिया के जरिए की जाती है, जहां सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम वरिष्ठता, योग्यता और सरकार से मिले सभी इनपुट पर विचार करती है।

एक जज की पदोन्नति रोकने की कोशिश करने पर एक वकील पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया
हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल ए वेंकटेश्वर रेड्डी को तेलंगाना हाईकोर्ट में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के प्रस्ताव के खिलाफ अपने दावे पर विचार करने का निर्देश देने की मांग की थी
इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने एक जज की पदोन्नति को रोकने की कोशिश के लिए कोर्ट की कार्यवाही का दुरुपयोग करने के लिए वकील बी. शैलेश सक्सेना पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।  

जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमएम सुंद्रेश ने उक्त टिप्पणी सक्सेना की उस याचिका को खारिज करते हुए की जिसमें उसने हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल ए वेंकटेश्वर रेड्डी को तेलंगाना हाईकोर्ट में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के प्रस्ताव के खिलाफ अपने दावे पर विचार करने का निर्देश देने की मांग की थी।

तीन सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 अगस्त को बैठक कर तेलंगाना हाईकोर्ट में रेड्डी समेत छह न्यायिक अधिकारियों के न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति को मंजूरी दी थी। सक्सेना ने अपनी याचिका में केंद्र, तेलंगाना और तेलंगाना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (विजिलेंस एंड एडमिनिस्ट्रेशन) को उनके द्वारा दिए गए पत्र पर विचार करने और रेड्डी की न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के प्रस्ताव पर कानून के तहत आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की।  

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में तेलंगाना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के खिलाफ कई आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि वह रेड्डी तेलुगुदेशम पार्टी के एक सांसद के परिवार के कानूनी सलाहकार रहे हैं और अन्य राजनीतिक लोगों के भी कानूनी सलाहकार रहे हैं।

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा कि हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति एक सुव्यवस्थित स्थापित प्रक्रिया के जरिए की जाती है, जहां सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम वरिष्ठता, योग्यता और सरकार से मिले सभी इनपुट पर विचार करती है।

एक जज की पदोन्नति रोकने की कोशिश करने पर एक वकील पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया

हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल ए वेंकटेश्वर रेड्डी को तेलंगाना हाईकोर्ट में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के प्रस्ताव के खिलाफ अपने दावे पर विचार करने का निर्देश देने की मांग की थी

इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने एक जज की पदोन्नति को रोकने की कोशिश के लिए कोर्ट की कार्यवाही का दुरुपयोग करने के लिए वकील बी. शैलेश सक्सेना पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।  

जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमएम सुंद्रेश ने उक्त टिप्पणी सक्सेना की उस याचिका को खारिज करते हुए की जिसमें उसने हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल ए वेंकटेश्वर रेड्डी को तेलंगाना हाईकोर्ट में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के प्रस्ताव के खिलाफ अपने दावे पर विचार करने का निर्देश देने की मांग की थी।

तीन सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 अगस्त को बैठक कर तेलंगाना हाईकोर्ट में रेड्डी समेत छह न्यायिक अधिकारियों के न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति को मंजूरी दी थी। सक्सेना ने अपनी याचिका में केंद्र, तेलंगाना और तेलंगाना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (विजिलेंस एंड एडमिनिस्ट्रेशन) को उनके द्वारा दिए गए पत्र पर विचार करने और रेड्डी की न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के प्रस्ताव पर कानून के तहत आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की।  

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में तेलंगाना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के खिलाफ कई आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि वह रेड्डी तेलुगुदेशम पार्टी के एक सांसद के परिवार के कानूनी सलाहकार रहे हैं और अन्य राजनीतिक लोगों के भी कानूनी सलाहकार रहे हैं।

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