बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: डिंपल अलावाधी
Updated Mon, 09 Aug 2021 12:35 PM IST
सार
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग फ्लिप्कार्ट और अमेजन के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कानूनों के उल्लंघन के आरोप में जांच कर रहा है।
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विस्तार
प्रतिस्पर्धा कानूनों के उल्लंघन के आरोप में हो रही जांच
सीसीआई इन कंपनियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कानूनों के उल्लंघन के आरोप में जांच कर रहा है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने 2020 में कंपनियों के खिलाफ अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर चुनिंदा विक्रेताओं को कथित रूप से बढ़ावा देने और प्रतिस्पर्धा को दबाने वाली व्यावसायिक प्रथाओं का उपयोग करने के लिए जांच का आदेश दिया था।
हालांकि कंपनियों ने ऐसे किसी भी नियम का उल्लंघन करने से इनकार किया है और निचली अदालतों व सुप्रीम कोर्ट में जांच को यह कहते हुए रोकने की मांग की है कि सीसीआई के पास मामले को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने कहा कि अमेजन और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को इस तरह की जांच के लिए स्वेच्छा से काम करना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि, ‘हम उम्मीद करते हैं कि अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे बड़े संगठनों को जांच और पारदर्शिता के लिए स्वेच्छा से काम करना होगा।’ यह फैसला अमेजन और फ्लिपकार्ट दोनों के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की अपील को सीसीआई की जांच को रोकने के लिए अंतिम कानूनी उपाय के रूप में देखा गया था। इतना ही नहीं, कंपनियां विदेशी निवेश कानूनों के कथित उल्लंघन के लिए देश की वित्तीय-अपराध एजेंसी द्वारा कठिन ई-कॉमर्स नियमों और जांच की संभावनाओं से भी जूझ रही हैं।
मामले में फ्लिपकार्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने बताया कि सीसीआई को जवाब देने का समय नौ अगस्त को ही समाप्त हो रहा है। पीठ ने इस समयसीमा को चार सप्ताह के लिए बढ़ा दिया। सीसीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर आपत्ति जताई।
पीठ में न्यायामूर्ति विनीत सरन और न्यायामूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं। इससे पहले 23 जुलाई को कर्नाटक हाई कोर्ट ने प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन के लिए सीसीआई जांच के खिलाफ अमेजन और फ्लिपकार्ट की याचिका खारिज की थी।