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सीबीडीटी : आयकर विभाग ने एनसीआर में दो रियल एस्टेट कंपनियों पर मारा छापा, 400 करोड़ रुपये की पकड़ी काली कमाई 

सीबीडीटी : आयकर विभाग ने एनसीआर में दो रियल एस्टेट कंपनियों पर मारा छापा, 400 करोड़ रुपये की पकड़ी काली कमाई 

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Kuldeep Singh
Updated Thu, 25 Nov 2021 05:24 AM IST

सार

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बताया कि एनसीआर के कई ठिकानों पर छापे में करोड़ों की आयकर चोरी भी पकड़ी। इस दौरान 10 करोड़ की नकदी जब्त की गई। ये कंपनियां फ्लैट की बिक्री नकद लेकर करती थीं और हिसाब बहीखातों में नहीं मिला।

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आयकर विभाग ने दिल्ली की दो रियल एस्टेट कंपनियों की 400 करोड़ रुपये की काली कमाई पकड़ी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बताया कि एनसीआर के कई ठिकानों पर छापे में करोड़ों की आयकर चोरी भी पकड़ी।

एनसीआर में आयकर छापे, 10 करोड़ की नकदी जब्त
इस दौरान, 10 करोड़ की नकदी जब्त की गई। ये कंपनियां फ्लैट की बिक्री नकद लेकर करती थीं और हिसाब बहीखातों में नहीं मिला। जांच में सामने आया है कि फ्लैटों की बिक्री में नकद ली गई रकम को मुखौटा कंपनियों के खातों में डाला गया। 

धर्मार्थ शैक्षणिक संगठनों के नाम पर कर चोरी
एक समूह चैरिटेबल संगठनों के जरिए भी पैसों की हेराफेरी कर रहा था। यह खासतौर से धर्मार्थ शैक्षणिक संगठनों के जरिये कर चोरी को अंजाम दे रहा था। इस राशि को रियल एस्टेट के व्यापार में निवेश कर रहा था।

  • समूह ने फर्जी बिलों के जरिये अपने बही खातों में बकाया भुगतान, गलत निवेश या फंसे हुए कर्ज का हवाला देकर बड़ी रकम का हेरफेर किया था।

विस्तार

आयकर विभाग ने दिल्ली की दो रियल एस्टेट कंपनियों की 400 करोड़ रुपये की काली कमाई पकड़ी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बताया कि एनसीआर के कई ठिकानों पर छापे में करोड़ों की आयकर चोरी भी पकड़ी।

एनसीआर में आयकर छापे, 10 करोड़ की नकदी जब्त

इस दौरान, 10 करोड़ की नकदी जब्त की गई। ये कंपनियां फ्लैट की बिक्री नकद लेकर करती थीं और हिसाब बहीखातों में नहीं मिला। जांच में सामने आया है कि फ्लैटों की बिक्री में नकद ली गई रकम को मुखौटा कंपनियों के खातों में डाला गया। 

धर्मार्थ शैक्षणिक संगठनों के नाम पर कर चोरी

एक समूह चैरिटेबल संगठनों के जरिए भी पैसों की हेराफेरी कर रहा था। यह खासतौर से धर्मार्थ शैक्षणिक संगठनों के जरिये कर चोरी को अंजाम दे रहा था। इस राशि को रियल एस्टेट के व्यापार में निवेश कर रहा था।

  • समूह ने फर्जी बिलों के जरिये अपने बही खातों में बकाया भुगतान, गलत निवेश या फंसे हुए कर्ज का हवाला देकर बड़ी रकम का हेरफेर किया था।

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