स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, जालंधर
Published by: ओम. प्रकाश
Updated Thu, 12 Aug 2021 08:54 AM IST
सार
भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह का कहा है कि टोक्यो ओलंपिक में सेमीफाइनल में मिली हार के बाद दिल जरूर टूट गया था लेकिन हमने कभी हौसला नहीं हारा। यही वजह रही कि भारत 41 साल बाद ओलंपिक में पदक जीतने में सफल रहा।
मनप्रीत सिंह
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
इसी नतीजा था कि तीसरे स्थान के रोमांचक मुकाबले में जर्मनी को हराकर टीम 41 साल बाद पदक जीतने में सफल रही। अगली बार पदक का रंग जरूर बदलेगा। मनप्रीत सिंह अपने साथी खिलाड़ियों मंदीप सिंह और वरुण शर्मा के साथ गांव मिट्ठापुर पहुंचे। उनका भव्य स्वागत किया गया। मनप्रीत ने कहा कि लड़कियों की टीम भी अच्छा खेली थी। वह दुर्भाग्यशाली रहीं जो पदक से चूक गईं। अपने खेल से उन्होंने महिला हॉकी में नई जान फूंक दी है।
इस दौरान हॉकी कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा, अगली बार ओलंपिक में मेडल का रंग जरूर बदलेगा। मनप्रीत अपने टीम इंडिया के साथी खिलाड़ियों मंदीप और वरुण के साथ अपने गांव मिट्ठापुर पहुंचे थे। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, यह तय है कि आगामी हॉकी विश्व कप में टीम इंडिया शानदार प्रदर्शन करेगी।
वहीं टोक्यो ओलंपिक के बारे में बात करते हुए हॉकी कप्तान ने कहा, जीत हार का दिन होता, कई बार टीम अच्छा खेलती है लेकिन भाग्य साथ नहीं होता है, बस ऑस्ट्रेलिया के भाग्य ने उनका साथ दिया, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम अच्छा खेली लेकिन दिन कंगारू टीम का था, फिर भी वह इस हार के बाद निराश नहीं हुए, टीम का मनोबल न गिरे इसलिए उन्होंने पूरी टीम के मोटिवेट किया और जोश भरा। जिसके बाद भारत जर्मनी को हराकर 41 साल बाद ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने में सफल रहा।