एजेंसी, सिंगापुर।
Published by: योगेश साहू
Updated Mon, 24 Jan 2022 06:32 AM IST
सार
भारत के साथ ही दुनियाभर के कई देशों में रविवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। कोलंबो में भी भारतीय उच्चायोग ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि श्रीलंका में नेताजी को बहुत सम्मान से याद किया जाता है।
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विस्तार
सिंगापुर की आजादी में नेताजी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए लतीफ ने कहा कि उन्होंने भारत की तरह ही सिंगापुर में भी ब्रिटिश साम्राज्य की पकड़ को खत्म किया। आज के सिंगापुर के लिए स्टैमफर्ड रैफल्स (सिंगापुर के संस्थापक ब्रिटिश अधिकारी) के विपरीत नेताजी की भूमिका अधिक प्रभावी है। ‘नेताजी इन द इंडियन मेकिंग ऑफ सिंगापुर’ किताब पेश कर उन्होंने कहा कि 1867 तक भारत सरकार के बंदरगाहों में कोलकाता के बाद सिंगापुर था। असल में सिंगापुर औपनिवेशिक भारत का विस्तार था।
श्रीलंका में भी नेताजी को श्रद्धांजलि
भारत के साथ ही दुनियाभर के कई देशों में रविवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि श्रीलंका में नेताजी को बहुत सम्मान से याद किया जाता है।
जर्मनी में बेटी ने लिखा जयहिंद
जर्मनी में भारतीय दूतावास ने नेताजी की 125वीं जयंती की पूर्व संध्या पर उनकी बेटी अनीता बोस की मेजबानी की। भारतीय दूतावास ने ट्विटर पर बताया कि डॉ. अनीता बोस ने अतिथि पुस्तक में ‘जयहिंद’ लिखा।
यूएन प्रतिनिधि ने डाली डॉक्यूमेंट्री
मलयेशिया में आजाद हिंद फौज के दिग्गजों ने नेताजी को याद कर अपने अनुभव, साझा किए। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ट्विटर पर एक डॉक्यूमेंट्री- “एट द अल्टार ऑफ इंडियाज फ्रीडम’ – आईएनए वेटरन्स ऑफ मलेशिया” को साझा किया। इसका निर्माण मलेशिया में भारतीय दूतावास ने किया है।
