बता दें इस महीने की शुरुआत में 156 सांसदों में से 39 ने राजपक्षे सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। अलग होने वाले समूह ने ऐलान किया था कि वह 225 सदस्यीय संसद में विपक्ष समेत किसी भी गठबंधन का साथ नहीं देगा। यह स्वतंत्र समूह सत्ता पर काबिज राजपक्षे परिवार के इस्तीफे समेत एक सर्वदलीय अंतरिम सरकार के गठन की मांग कर रहा है।
श्रीलंका मुस्लिम काउंसिल (एसएलएमसी) के सांसद फैजल कासिम ने संसद को सूचित किया कि वह सांसद इशाक रहमान और एमएस तौफीक के साथ सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेंगे। ये सांसद 2020 से राजपक्षे के सहयोगी थे और विवादास्पद 20ए के लिए इन्होंने मतदान किया जिसने राष्ट्रपति को पूर्ण शक्ति प्रदान की।
श्रीलंका को आपातकालीन सहायता के लिए विश्व बैंक तैयार : रिपोर्ट
विश्व बैंक श्रीलंका को आपातकालीन सहायता देने और देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच कमजोर वर्ग के लोगों की मदद करने के लिए तैयार है। एक मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को विश्व बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी गई।
बता दें, श्रीलंका इस समय दिवालिया होने के कगार पर है और 1948 के बाद से सबसे भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। कोलंबो गजट के मुताबिक, विश्व बैंक के उपाध्यक्ष हार्टविग शेफर ने वाशिंगटन में श्रीलंका के वित्तमंत्री अली साबरी के साथ बातचीत की। साबरी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक वसंत बैठकों के लिए इन दिनों अमेरिका में हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, साबरी-शेफर ने आर्थिक संकट को दूर करने के उपायों, स्थिरीकरण के लिए मदद और कमजोर वर्गों की रक्षा करने पर चर्चा की। शेफर ने कहा, विश्व बैंक गरीबों पर संकट के प्रभाव से चिंतित है और दवाओं, स्वास्थ्य, पोषण व शिक्षा के लिए आपातकालीन मदद को तैयार है।
दावा : राष्ट्रपति पद छोड़ने के लिए तैयार
श्रीलंका की संसद में नेता विपक्ष सजिथ प्रेमदास ने दावा किया कि स्पीकर महिंदा यापा अबिवर्धने ने उन्हें आश्वासन दिया है कि राजनीतिक दल अनुरोध करेंगे तो राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। हालांकि स्पीकर ने इसका खंडन किया है लेकिन प्रेमदास अब भी अपनी बात पर कायम हैं। स्पीकर अबिवर्धने ने संसद में कहा, मैं सिर्फ यह कह रहा हूं कि राष्ट्रपति बहुमत वाले किसी भी दल को सरकार सौंपने के लिए तैयार हैं।
रामबुक्काना में कर्फ्यू जारी, 3 गंभीर
श्रीलंका के दक्षिण पश्चिमी रामबुक्काना क्षेत्र में ईंधन के बढ़ते दामों के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा के बाद लगा कर्फ्यू बुधवार को भी जारी रहा। पुलिस द्वारा निहत्थी भीड़ पर की गई गोलीबारी में एक की मौत हो गई और 13 के घायल होने की अमेरिका, ईयू व यूएन के दूतावासों ने निंदा की है। घायलों में 3 अब भी गंभीर हैं। घटना में 15 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
पुलिस प्रमुख चंदन विक्रमरत्ने ने बताया कि मंगलवार को प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए थे और उन्होंने रेल की पटरियों पर जाम कर पुराने दामों पर तेल देने की मांग की थी। उन्होंने ईंधन से भरे टैंकर में आग लगाने की कोशिश भी की थी।