वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कोलंबो
Published by: सुभाष कुमार
Updated Wed, 24 Nov 2021 11:48 PM IST
सार
कोलंबो पोर्ट के पूर्वी कंटेनर टर्मिनल को विकसित करने का यह सौदा चाईना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी ने किया है। श्रीलंका की कैबीनेट ने बंदरगाह और जहाजरानी मंत्री द्वारा चीनी कंपनी को चुने जाने के सुझाव को मंजूरी दे दी है।
यह सौदा चाईना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी ने किया है। (सांकेतिक फोटो)
– फोटो : ANI
चीन की एक सरकारी कंपनी ने श्रीलंका सरकार के साथ कोलंबो बंदरगाह के पूर्वी कंटेनर टर्मिनल को विकसित करने का सौदा किया है। इसकी घोषणा श्रीलंका की सरकार ने बुधवार को की। कुछ महीने पहले ही श्रीलंका की सरकार ने भारत और जापान द्वारा यहां कंटेनर बंदरगाह को बनाए जाने के सौदे को एकतरफा फैसला लेते हुए रद्द कर दिया था।
कोलंबो पोर्ट के पूर्वी कंटेनर टर्मिनल को विकसित करने का यह सौदा चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी ने किया है। श्रीलंका की कैबिनेट ने बंदरगाह और जहाजरानी मंत्री द्वारा चीनी कंपनी को चुने जाने के सुझाव को मंजूरी दे दी है। हालांकि, सरकार द्वारा इस सौदे की तय कीमत नहीं बताई गई है।
चीन के कर्ज जाल में श्रीलंका
चीन ने हाल के कुछ समय में श्रीलंका में विकास परियोजनाओं में बड़े निवेश किए हैं। हालांकि, इस मामले के ऊपर स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना भी हुई है। ऐसा माना जाता है कि चीन श्रीलंका को कर्ज के जाल में फंसा लिया है। इससे पहले चीन ने साल 2017 में अपने हंबनटोटा बंदरगाह को 99 सालों के लिए चीन को लीज पर दे दिया था। श्रीलंका ने चीन से 1.2 बिलियन डॉलर का कर्ज ले रखा था, इस कारण उसे अपना बंदरगाह चीन को सौंपना पड़ा।
भारत और जापान से सौदा हुआ था रद्द
मई 2019 में श्रीलंका की सरकार ने भारत और जापान के साथ मिलकर कोलंबो पोर्ट के पूर्वी कंटेनर टर्मिनल को विकसित करने का सौदा किया था। हालांकि, इस साल फरवरी में एकतरफा फैसला लेते हुए श्रीलंका की सरकार ने इस समझौते को रद्द कर दिया। भारत और जापान ने श्रीलंका के इस फैसले पर आधिकारिक तौर पर निराशा व्यक्त की थी।
विस्तार
चीन की एक सरकारी कंपनी ने श्रीलंका सरकार के साथ कोलंबो बंदरगाह के पूर्वी कंटेनर टर्मिनल को विकसित करने का सौदा किया है। इसकी घोषणा श्रीलंका की सरकार ने बुधवार को की। कुछ महीने पहले ही श्रीलंका की सरकार ने भारत और जापान द्वारा यहां कंटेनर बंदरगाह को बनाए जाने के सौदे को एकतरफा फैसला लेते हुए रद्द कर दिया था।
कोलंबो पोर्ट के पूर्वी कंटेनर टर्मिनल को विकसित करने का यह सौदा चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी ने किया है। श्रीलंका की कैबिनेट ने बंदरगाह और जहाजरानी मंत्री द्वारा चीनी कंपनी को चुने जाने के सुझाव को मंजूरी दे दी है। हालांकि, सरकार द्वारा इस सौदे की तय कीमत नहीं बताई गई है।
चीन के कर्ज जाल में श्रीलंका
चीन ने हाल के कुछ समय में श्रीलंका में विकास परियोजनाओं में बड़े निवेश किए हैं। हालांकि, इस मामले के ऊपर स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना भी हुई है। ऐसा माना जाता है कि चीन श्रीलंका को कर्ज के जाल में फंसा लिया है। इससे पहले चीन ने साल 2017 में अपने हंबनटोटा बंदरगाह को 99 सालों के लिए चीन को लीज पर दे दिया था। श्रीलंका ने चीन से 1.2 बिलियन डॉलर का कर्ज ले रखा था, इस कारण उसे अपना बंदरगाह चीन को सौंपना पड़ा।
भारत और जापान से सौदा हुआ था रद्द
मई 2019 में श्रीलंका की सरकार ने भारत और जापान के साथ मिलकर कोलंबो पोर्ट के पूर्वी कंटेनर टर्मिनल को विकसित करने का सौदा किया था। हालांकि, इस साल फरवरी में एकतरफा फैसला लेते हुए श्रीलंका की सरकार ने इस समझौते को रद्द कर दिया। भारत और जापान ने श्रीलंका के इस फैसले पर आधिकारिक तौर पर निराशा व्यक्त की थी।
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