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श्रीलंका : गोतबाया नहीं छोड़ेंगे राष्ट्रपति पद,  विपक्ष की मांग खारिज, बहुमत साबित करने वाले दल को सत्ता सौंपने को तैयार

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कोलंबो
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Tue, 05 Apr 2022 12:20 PM IST

सार

श्रीलंका के विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की थी, जिसे राजपक्षे ने ठुकरा दिया है। देश के राजनीतिक दलों में तनातनी बढ़ती जा रही है।

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श्रीलंका में जारी भीषण आर्थिक संकट के बीच सत्ता संघर्ष भी जारी है। राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने विपक्ष की मांग पर पद छोड़ने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह संसद में 113 सदस्यों का बहुमत साबित करने वाले किसी भी दल को सत्ता सौंपने को तैयार हैं। 
श्रीलंका के विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की थी, जिसे राजपक्षे ने ठुकरा दिया है। देश के राजनीतिक दलों में तनातनी बढ़ती जा रही है। विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति राजपक्षे की उस अपील को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने विपक्ष से एकता मंत्रिमंडल में शामिल होने का आग्रह किया था। 

राजपक्षे परिवार के खिलाफ भड़के लोग
श्रीलंका में घनघोर आर्थिक संकट के बीच लोगों में अब सत्तारूढ राजपक्षे परिवार के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है। महंगाई से त्रस्त लोग कह रहे हैं कि ‘एक परिवार को देश को बर्बाद करने से रोको’, ‘हमारे देश को बेचना बंद करो।’ श्रीलंका के ज्यादातर अहम पदों पर राजपक्षे परिवार का कब्जा है। 

बहुमत पता लगाने के लिए आज मतदान
डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति राजपक्षे ने सोमवार को राजनीतिक बैठकें कीं। वहीं, देश में आवश्यक वस्तुओं की कमी और बिजली कटौती के खिलाफ जनता का विरोध जारी रहा। जनता के विरोध के बाद संसद की आज पहली बार बैठक होने वाली है। स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने 225 सदस्यीय सदन में बहुमत साबित करने के लिए मतदान कराएंगे, ताकि यह पता लगाया जा सके कि सदन में किस दल के पास 113 का बहुमत है। 

विस्तार

श्रीलंका में जारी भीषण आर्थिक संकट के बीच सत्ता संघर्ष भी जारी है। राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने विपक्ष की मांग पर पद छोड़ने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह संसद में 113 सदस्यों का बहुमत साबित करने वाले किसी भी दल को सत्ता सौंपने को तैयार हैं। 

श्रीलंका के विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की थी, जिसे राजपक्षे ने ठुकरा दिया है। देश के राजनीतिक दलों में तनातनी बढ़ती जा रही है। विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति राजपक्षे की उस अपील को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने विपक्ष से एकता मंत्रिमंडल में शामिल होने का आग्रह किया था। 

राजपक्षे परिवार के खिलाफ भड़के लोग

श्रीलंका में घनघोर आर्थिक संकट के बीच लोगों में अब सत्तारूढ राजपक्षे परिवार के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है। महंगाई से त्रस्त लोग कह रहे हैं कि ‘एक परिवार को देश को बर्बाद करने से रोको’, ‘हमारे देश को बेचना बंद करो।’ श्रीलंका के ज्यादातर अहम पदों पर राजपक्षे परिवार का कब्जा है। 

बहुमत पता लगाने के लिए आज मतदान

डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति राजपक्षे ने सोमवार को राजनीतिक बैठकें कीं। वहीं, देश में आवश्यक वस्तुओं की कमी और बिजली कटौती के खिलाफ जनता का विरोध जारी रहा। जनता के विरोध के बाद संसद की आज पहली बार बैठक होने वाली है। स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने 225 सदस्यीय सदन में बहुमत साबित करने के लिए मतदान कराएंगे, ताकि यह पता लगाया जा सके कि सदन में किस दल के पास 113 का बहुमत है। 

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