वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कोलंबो
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Sat, 02 Apr 2022 10:38 PM IST
सार
नई दिल्ली ने शनिवार को 40,000 मीट्रिक टन डीजल की एक खेप कोलंबों भेजी है। वहीं, रक्षा मंत्रालय के सचिव कमल गुणरत्ने ने कहा कि स्थानीय सैनिक किसी भी राष्ट्रीय सुरक्षा आपातकाल से निपटने में सक्षम हैं और बाहर से ऐसी किसी सहायता की आवश्यकता नहीं है।
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विस्तार
भारतीय उच्चायोग ने दी जानकारी
कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने बताया कि भारत द्वारा श्रीलंका को ईंधन की आपूर्ति की गई। उच्चायुक्त ने शनिवार को कोलंबो में ऊर्जा मंत्री गामिनी लोकुगे को 500 मिलियन डालर की लाइन आफ क्रेडिट के माध्यम से भारतीय सहायता के तहत 40,000 मीट्रिक टन डीजल की एक खेप सौंपी। इसके अलावा भारत ने पिछले 50 दिनों में द्वीप राष्ट्र को लगभग 200,000 मीट्रिक टन ईंधन की आपूर्ति की है। इसके अलावा भारत से श्रीलंका के लोगों के लिए 40 हजार टन चावल भी भेजा गया था।
गौरतलब है कि विदेशी मुद्रा की कमी के कारण श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक और ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंका में ईंधन-गैस, खाद्य और आवश्यक वस्तुओं की किल्लत की वजह से महंगाई आसमान छू रही हैं। इस बीच, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के आवास के बाहर प्रदर्शनकारियों ने इकट्ठा होकर ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं को लेकर शनिवार को जमकर धरना किया। धरने के दौरान उनकी पुलिस से झड़प हो गई। इस विरोध प्रदर्शन में पत्रकारों सहित कम से कम 10 लोग घायल हो गए। जिसके बाद राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने देश भर में सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा की है।
श्रीलंका रक्षा मंत्रालय ने रिपोर्टों को खारिज किया
बढ़ती कीमतों और आवश्यक वस्तुओं की कमी को लेकर जन विरोध बढ़ रहा है। इस बीच सोशल मीडिया पर श्रीलंका में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने के लिए भारतीय सशस्त्र सैनिकों के वहां पहुंचने की अफवाहें चल रही हैं। श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है।
रक्षा मंत्रालय के सचिव कमल गुणरत्ने ने बताया कि स्थानीय सैनिक किसी भी राष्ट्रीय सुरक्षा आपातकाल से निपटने में सक्षम हैं और बाहर से ऐसी किसी सहायता की आवश्यकता नहीं है। गुणरत्ने ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें ट्रेंड करने लगी हैं, वे एक साल पहले की हैं जब भारतीय सैनिकों ने श्रीलंका के साथ संयुक्त सुरक्षा अभ्यास किया था।
भारतीय उच्चायोग ने अफवाहें फैलाने से बचने की अपील की
भारतीय उच्चायोग ने भी इन रिपोर्टों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। भारतीय उच्चायोग ने कहा कि वह निराधार रिपोर्टों का दृढ़ता से खंडन करता है कि भारत अपने सैनिकों को श्रीलंका भेज रहा है। उच्चायोग ने कहा कि वह मीडिया समूहों की इस तरह की गैर-जिम्मेदार रिपोर्टिंग की निंदा करता है और उम्मीद करता है कि संबंधित अफवाहें फैलाने से बचें।