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शक्ति मिल गैंगरेप केस: उम्रकैद में बदली दोषियों की फांसी की सजा, बॉम्बे हाईकोर्ट ने पलटा फैसला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: मुकेश कुमार झा
Updated Thu, 25 Nov 2021 12:14 PM IST

सार

यह मामला 22 अगस्त 2013 का है जब अपने एक साथी के साथ एक महिला फोटो जर्नलिस्ट शक्ति मिल परिसर में कवरेज करने गई थी।

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फोटो पत्रकार के साथ गैंगरेप के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट से तीन आरोपियों को राहत मिली है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने तीन दोषियों को सुनाई गई मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। जस्टिस साधना जाधव और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने तीन दोषियों विजय जाधव, मोहम्मद कासिम शेख और मोहम्मद अंसारी को राहत देते हुए मौत की सजा देने से इंकार कर दिया। हालांकि अदालत ने कहा कि इन दोषियों द्वारा किए गए अपराधों का पश्चाताप करने के लिए आजीवन कारावास की सजा जरूरी है।

महिला पत्रकार को बनाया था हवस का शिकार
दरअसल, महालक्ष्मी इलाके में सालों से बंद पड़ी यह मिल वीरान रहती है। उस दिन शाम के 6 बजे रहे थे। महिला पत्रकार और उसका साथी जब वहां पहुंचे तो वहां मौजूद कुछ लोगों ने खुद को पुलिस बताते हुए उन्हें फोटो लेने से रोका। उन लोगों ने कहा कि पहले आप लोग हमारे अधिकारी से इजाजत लें तब फोटो लेना। फिर वे महिला पत्रकार और उसके साथी को अंदर ले गए। अंदर ले जाकर दोनों पर हमला कर महिला पत्रकार के साथी को वहीं बांध दिया।

पुलिस ने 72 घंटे के भीतर सभी आरोपियों को दबोचा
उसके बाद उस महिला पत्रकार के साथ पांच लोगों ने गैंगरेप किया। दो घंटे बाद किसी तरह वे दोनों अपनी जान बचाकर वहां से अस्पताल भागे। अस्पताल में डॉक्टरों ने जैसे ही लड़की की हालत देखी सारा मामला समझ गए। डॉक्टरों ने पुलिस को सूचना दी। महिला पत्रकार के साथ गैंगरेप होने की खबर से मानो पुलिस भी सन्न रह गई।

आनन-फानन में कई टीमें बना कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई। 72 घंटे के भीतर ही पुलिस ने सभी पांच आरोपियों को दबोच लिया। पूछताछ के दौरान एक और गैंगरेप का मामला सामने आया। इनमें से तीन आरोपियों ने शक्ति मिल में ही गैंगरेप की एक और वारदात को अंजाम दिया था।

विस्तार

फोटो पत्रकार के साथ गैंगरेप के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट से तीन आरोपियों को राहत मिली है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने तीन दोषियों को सुनाई गई मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। जस्टिस साधना जाधव और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने तीन दोषियों विजय जाधव, मोहम्मद कासिम शेख और मोहम्मद अंसारी को राहत देते हुए मौत की सजा देने से इंकार कर दिया। हालांकि अदालत ने कहा कि इन दोषियों द्वारा किए गए अपराधों का पश्चाताप करने के लिए आजीवन कारावास की सजा जरूरी है।


महिला पत्रकार को बनाया था हवस का शिकार

दरअसल, महालक्ष्मी इलाके में सालों से बंद पड़ी यह मिल वीरान रहती है। उस दिन शाम के 6 बजे रहे थे। महिला पत्रकार और उसका साथी जब वहां पहुंचे तो वहां मौजूद कुछ लोगों ने खुद को पुलिस बताते हुए उन्हें फोटो लेने से रोका। उन लोगों ने कहा कि पहले आप लोग हमारे अधिकारी से इजाजत लें तब फोटो लेना। फिर वे महिला पत्रकार और उसके साथी को अंदर ले गए। अंदर ले जाकर दोनों पर हमला कर महिला पत्रकार के साथी को वहीं बांध दिया।

पुलिस ने 72 घंटे के भीतर सभी आरोपियों को दबोचा

उसके बाद उस महिला पत्रकार के साथ पांच लोगों ने गैंगरेप किया। दो घंटे बाद किसी तरह वे दोनों अपनी जान बचाकर वहां से अस्पताल भागे। अस्पताल में डॉक्टरों ने जैसे ही लड़की की हालत देखी सारा मामला समझ गए। डॉक्टरों ने पुलिस को सूचना दी। महिला पत्रकार के साथ गैंगरेप होने की खबर से मानो पुलिस भी सन्न रह गई।

आनन-फानन में कई टीमें बना कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई। 72 घंटे के भीतर ही पुलिस ने सभी पांच आरोपियों को दबोच लिया। पूछताछ के दौरान एक और गैंगरेप का मामला सामने आया। इनमें से तीन आरोपियों ने शक्ति मिल में ही गैंगरेप की एक और वारदात को अंजाम दिया था।

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