वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Thu, 14 Apr 2022 04:23 PM IST
सार
एमएचआरए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ जून राइन ने बताया कि वलनेवा द्वारा बनाई गई COVID-19 वैक्सीन की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता की समीक्षा की गई है। साथ ही इसको लेकर सरकार के स्वतंत्र वैज्ञानिक सलाहकार निकाय, मानव चिकित्सा आयोग से विशेषज्ञ सलाह के बाद मंजूरी दी गई है।
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मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वलनेवा वैक्सीन को मंजूरी देने वाला यह दुनिया का पहला देश है। उन्होंने कहा कि वलनेवा की वैक्सीन एमएचआरए द्वारा मंजूरी पाने वाली छठी कोविड-19 वैक्सीन बन गई है। एमएचआरए ने जानकारी दी कि वैक्सीन का उत्पादन स्कॉटलैंड में एडिनबर्ग के पास लिविंगस्टन में वलनेवा कारखाने में किया गया है।
एमएचआरए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ जून राइन ने बताया कि वलनेवा द्वारा बनाई गई COVID-19 वैक्सीन की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता की समीक्षा की गई है। साथ ही इसको लेकर सरकार के स्वतंत्र वैज्ञानिक सलाहकार निकाय, मानव चिकित्सा आयोग से विशेषज्ञ सलाह के बाद मंजूरी दी गई है।
उन्होंने बताया कि ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और फाइजर-बायोएनटेक के कोरोना टीकों की उपयोग की तरह ही वालनेवा की भी दो खुराक दी जाएंगी। इस कोरोना टीके की मंजूरी 18 से 50 वर्ष की आयु के लोगों के लिए दी गई है। इस कोरोना टीके की पहली और दूसरी खुराक कम से कम 28 दिनों के अंतराल होना चाहिए। वलनेवा वैक्सीन में इस्तेमाल की जाने वाली प्रक्रिया का व्यापक रूप से पहले से ही फ्लू और पोलियो के टीके के उत्पादन में उपयोग किया जाता है।
वलनेवा वैक्सीन का भंडारण तापमान 2 डिग्री सेल्सियस और 8 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है, जो घरेलू फ्रिज के समान होता है। एमएचआरए का कहना है कि यह उन देशों में उपयोग के लिए उपयुक्त है जहां बहुत कम तापमान पर भंडारण संभव नहीं है।
मानव चिकित्सा पर स्वतंत्र आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर सर मुनीर पीरमोहम्मद ने इसको लेकर कहा कि दवाओं को लेकर स्वतंत्र आयोग और उसके COVID-19 विशेषज्ञों के समूह ने इसके हर पहलू पर विचार किया है। उन्होंने कहा कि इसके बाद ही हमने दवा की मंजूरी की सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि हर टीके में समय के साथ एंटीबॉडी बनने का एक अलग पैटर्न होता है। वलनेवा वैक्सीन के संदर्भ में एंटीबॉडी बनने के लिए पहले दो खुराक की आवश्यकता होती है। इसका मतलब यह है कि लोगों को इसकी दोनों खुराक लगवाने के लिए जागरूक करना होगा।