videsh

रूस-यूक्रेन जंग: तनाव भरे माहौल के बीच हथियार निर्माता कंपनियों की खिल गई हैं बांछें

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Thu, 07 Apr 2022 02:04 PM IST

सार

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिका की प्रमुख हथियार निर्माता कंपनियों के शेयर के भाव लगातार ऊंचे बने हुए हैं। इस साल लॉकहीड मार्टिन के शेयरों के भाव 25 फीसदी, और रेयथियॉन के भाव 16 फीसदी चढ़ चुके हैं। नार्थरोप ग्रुमैन और जनरल डायनेमिक्स के शेयर भी खासे महंगे हुए हैं…
 

ख़बर सुनें

लगभग डेढ़ महीने से जारी युद्ध के कारण यूक्रेन में जान-माल की भारी तबाही हुई है। इसके अलावा इस कारण पूरी दुनिया में महंगाई का नया दौर आ गया है। इस रूप में ये युद्ध दुनिया के आम लोगों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बना हुआ है। लेकिन अमेरिका के हथियार निर्माता कंपनियों की इस युद्ध के कारण चांदी हो गई है। उनके शेयरों के भाव में तेजी से हुई बढ़ोतरी हुई है। इसकी वजह उन्हें होने वाले मुनाफे के अनुमान में भारी इजाफा है।

अमेरिकी मीडिया में छपी रिपोर्टों में कहा गया है कि युद्ध शुरू होने के पहले से हथियार निर्माता कंपनियां संभावित युद्ध को मुनाफे के एक बड़े मौके के रूप में देख रही थीं। अमेरिका के चर्चित मिलिट्री-इंडस्ट्रियल कॉम्पलेक्स की एक प्रमुख कंपनी लॉकहीड मार्टिन कॉरपोरेशन के चीफ एग्जिक्यूटिव जेम्स टैकलेट ने जनवरी में कहा था कि बड़ी ताकतों के बीच होड़ बढ़ने पर रक्षा बजट बढ़ेगा। उससे उनकी कंपनी को ज्यादा बिजनेस मिलेगा। रेयथियॉन टेक्नोलॉजीज नामक कंपनी के चीफ एग्जिक्यूटिव ग्रेगरी हेस ने अपने निवेशकों से कहा है कि पूर्वी यूरोप में तनाव से उनकी कंपनी के लिए कारोबार के नए अवसर पैदा हुए हैं।

35 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिका की प्रमुख हथियार निर्माता कंपनियों के शेयर के भाव लगातार ऊंचे बने हुए हैं। इस साल लॉकहीड मार्टिन के शेयरों के भाव 25 फीसदी, और रेयथियॉन के भाव 16 फीसदी चढ़ चुके हैं। नार्थरोप ग्रुमैन और जनरल डायनेमिक्स के शेयर भी खासे महंगे हुए हैं।

यूक्रेन युद्ध शुरू होते ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 35 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता यूक्रेन को देने का एलान किया। उसके बाद 12 मार्च को उन्होंने 20 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता की घोषणा की। फिर 16 मार्च को उन्होंने 80 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता का एलान किया। इसके पहले फरवरी के आरंभ में बाइडेन प्रशासन यूक्रेन को 1.35 बिलियन डॉलर की मदद देने का फैसला कर चुका था।

यूक्रेन के लिए यूरोपीय देशों ने बनाया खास सहायता बजट

जानकारों का कहना है कि सैन्य मदद के लिए मंजूरी लगभग सारी राशि हथियार निर्माता कंपनियों को जाती है। उनसे ही हथियारों की खरीद की जाती है। अमेरिका के अलावा जर्मनी और दूसरे यूरोपीय देशों ने भी यूक्रेन के लिए खास सहायता बजट का एलान किया है। विश्लेषकों का कहना है कि यूक्रेन युद्ध के बाद अब इसमें कोई शक नहीं है कि नाटो देशों का रक्षा खर्च पहले की तुलना में काफी बढ़ जाएगा। इसी वजह से हथियार निर्माता कंपनियों की बाछें खिली हुई हैं।

पर्यवेक्षकों ने ध्यान दिलाया है कि मिलिट्री इंडस्ट्रियल कॉम्पलेक्स पहले से चीनी खतरे का महौल बना कर अमेरिकी सरकार पर रक्षा खर्च बढ़ाने के लिए दबाव डाल रहा था। इसी बीच यूक्रेन को लेकर तनाव खड़ा हो गया। उसके बाद अब रूस और चीन के साझा खतरे की बात चर्चित हो गई है। मीडिया ने जो माहौल बनाया है, उससे रक्षा बजट बढ़ाने के पक्ष में जनमत भी झुका है। दूसरी तरफ रक्षा खर्च घटाने की वकालत करने वाले समूहों के लिए अब ऐसा करना ज्यादा मुश्किल हो गया है।

विस्तार

लगभग डेढ़ महीने से जारी युद्ध के कारण यूक्रेन में जान-माल की भारी तबाही हुई है। इसके अलावा इस कारण पूरी दुनिया में महंगाई का नया दौर आ गया है। इस रूप में ये युद्ध दुनिया के आम लोगों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बना हुआ है। लेकिन अमेरिका के हथियार निर्माता कंपनियों की इस युद्ध के कारण चांदी हो गई है। उनके शेयरों के भाव में तेजी से हुई बढ़ोतरी हुई है। इसकी वजह उन्हें होने वाले मुनाफे के अनुमान में भारी इजाफा है।

अमेरिकी मीडिया में छपी रिपोर्टों में कहा गया है कि युद्ध शुरू होने के पहले से हथियार निर्माता कंपनियां संभावित युद्ध को मुनाफे के एक बड़े मौके के रूप में देख रही थीं। अमेरिका के चर्चित मिलिट्री-इंडस्ट्रियल कॉम्पलेक्स की एक प्रमुख कंपनी लॉकहीड मार्टिन कॉरपोरेशन के चीफ एग्जिक्यूटिव जेम्स टैकलेट ने जनवरी में कहा था कि बड़ी ताकतों के बीच होड़ बढ़ने पर रक्षा बजट बढ़ेगा। उससे उनकी कंपनी को ज्यादा बिजनेस मिलेगा। रेयथियॉन टेक्नोलॉजीज नामक कंपनी के चीफ एग्जिक्यूटिव ग्रेगरी हेस ने अपने निवेशकों से कहा है कि पूर्वी यूरोप में तनाव से उनकी कंपनी के लिए कारोबार के नए अवसर पैदा हुए हैं।

35 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिका की प्रमुख हथियार निर्माता कंपनियों के शेयर के भाव लगातार ऊंचे बने हुए हैं। इस साल लॉकहीड मार्टिन के शेयरों के भाव 25 फीसदी, और रेयथियॉन के भाव 16 फीसदी चढ़ चुके हैं। नार्थरोप ग्रुमैन और जनरल डायनेमिक्स के शेयर भी खासे महंगे हुए हैं।

यूक्रेन युद्ध शुरू होते ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 35 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता यूक्रेन को देने का एलान किया। उसके बाद 12 मार्च को उन्होंने 20 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता की घोषणा की। फिर 16 मार्च को उन्होंने 80 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता का एलान किया। इसके पहले फरवरी के आरंभ में बाइडेन प्रशासन यूक्रेन को 1.35 बिलियन डॉलर की मदद देने का फैसला कर चुका था।

यूक्रेन के लिए यूरोपीय देशों ने बनाया खास सहायता बजट

जानकारों का कहना है कि सैन्य मदद के लिए मंजूरी लगभग सारी राशि हथियार निर्माता कंपनियों को जाती है। उनसे ही हथियारों की खरीद की जाती है। अमेरिका के अलावा जर्मनी और दूसरे यूरोपीय देशों ने भी यूक्रेन के लिए खास सहायता बजट का एलान किया है। विश्लेषकों का कहना है कि यूक्रेन युद्ध के बाद अब इसमें कोई शक नहीं है कि नाटो देशों का रक्षा खर्च पहले की तुलना में काफी बढ़ जाएगा। इसी वजह से हथियार निर्माता कंपनियों की बाछें खिली हुई हैं।

पर्यवेक्षकों ने ध्यान दिलाया है कि मिलिट्री इंडस्ट्रियल कॉम्पलेक्स पहले से चीनी खतरे का महौल बना कर अमेरिकी सरकार पर रक्षा खर्च बढ़ाने के लिए दबाव डाल रहा था। इसी बीच यूक्रेन को लेकर तनाव खड़ा हो गया। उसके बाद अब रूस और चीन के साझा खतरे की बात चर्चित हो गई है। मीडिया ने जो माहौल बनाया है, उससे रक्षा बजट बढ़ाने के पक्ष में जनमत भी झुका है। दूसरी तरफ रक्षा खर्च घटाने की वकालत करने वाले समूहों के लिए अब ऐसा करना ज्यादा मुश्किल हो गया है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

9
videsh

Sri Lanka Pakistan Crisis Live: पाकिस्तान में संसद भंग मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई शुरू, श्रीलंका में आपातकाल हटाया गया

To Top
%d bloggers like this: