वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sat, 05 Mar 2022 09:33 AM IST
सार
टेस्ला कंपनी के सीईओ ने कहा कि, प्रतिबंधों का नकारात्मक असर टेस्ला पर भी पड़ेगा। मुझे यह कहने से नफरत है, लेकिन हमें गैस व तेल का उत्पादन बढ़ाना पड़ेगा।
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विस्तार
एलन मस्क ने ट्विटर पर कहा कि, रूस के स्वामित्व वाली कंपनियां प्रतिबंधों का सामना कर रही हैं। इस कदम से टेस्ला भी नकारात्मक प्रभावित होगा, लेकिन हम रूस की तुलना में स्थाई ऊर्जा का तत्काल समाधान नहीं कर सकते हैं।
मुझे यह करने से नफरत है…
एलन मस्क ने ट्विटर पर कहा कि, मुझे यह कहने से नफरत है, लेकिन हमें तेल और गैस का उत्पादन तत्काल बढ़ाने की आवश्कता है। उन्होंने कहा कि असाधारण समय में हमें असाधारण उपायों की आवश्यकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि जारी
सऊदी अरब के बाद रूस कच्चे तेल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। हालांकि, यूक्रेन से छिड़े युद्ध के बाद कई देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे तेल की सप्लाई रुक गई है और कीमतों में भूचाल आ गया है। शुक्रवार को भी तेल की कीमतों में वृद्धि जारी रही। टेस्ला चीफ का कहना है कि जाहिर तौर पर नकारात्मक रूप से इसका प्रभाव टेस्ला पर भी पड़ेगा।
क्रूड 9 साल के उच्च स्तर पर
वैश्विक बाजार में कच्चा तेल गुरुवार को बढ़कर 120 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। यह इसका 9 साल का उच्च स्तर है। हालांकि, शुक्रवार को कीमतों में कुछ नरमी के साथ कच्चा तेल 111 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। इसके बावजूद तेल की लागत और खुदरा बिक्री के दरों के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है।
185 डॉलर तक पहुंच सकता है क्रूड
मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों की पाबंदियों की वजह से रूस खुलकर तेल का निर्यात नहीं कर पा रहा है। अभी वह 66 फीसदी तेल का ही निर्यात कर रहा है। अगर रूस से तेल की आपूर्ति आगे भी बाधित रहती है तो वैश्विक बाजार में कच्चा तेल 185 डॉलर तक पहुंच सकता है।