सार
रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लिपकार्ट 37.6 अरब डॉलर के साथ सबसे मूल्यवान यूनिकॉर्न है। मेन्सा ब्रांड्स सिर्फ 6 महीने में यूनिकॉर्न बनने में सफल रही।
सांकेतिक तस्वीर….
– फोटो : सोशल मीडिया
ख़बर सुनें
विस्तार
इसके साथ ही भारत में कुल यूनिकॉर्न की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा बढ़कर 90 हो गई है। एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप को यूनिकॉर्न कहा जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, आज दुनिया का हर 13वां यूनिकॉर्न भारत में पैदा हुआ है।
पिछले साल यूनिकॉर्न बनने वाले स्टार्टअप में शेयरचैट, क्रेड, मीशो, नजारा, मॉगलिक्स, एमपीएल, ग्रोफर्स (अब ब्लिंकइट), अपग्रेड, मामाअर्थ, ग्लोबलबीज, एको और स्पिनी शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लिपकार्ट 37.6 अरब डॉलर के साथ सबसे मूल्यवान यूनिकॉर्न है। मेन्सा ब्रांड्स सिर्फ 6 महीने में यूनिकॉर्न बनने में सफल रही।
चार कंपनियां बनीं डेकाकॉर्न
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में चार कंपनियां 10 अरब डॉलर से भी अधिक मूल्यांकन के साथ डेकाकॉर्न (10 अरब डॉलर या उससे अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप) बनने में सफल रहीं। इनमें फ्लिपकार्ट, पेटीएम, बायजू और ओयो रूम्स शामिल हैं। इसमें आगे कहा गया है कि बेंगलुरु में सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न फिनटेक, ई-कॉमर्स एवं सॉफ्टवेयर सेवा से जुड़े हुए हैं।
यूनिकॉर्न के मामले में भारत तीसरा सबसे बड़ा देश
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 90 यूनिकॉर्न के साथ अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा यूनिकॉर्न मौजूदगी वाला देश बन गया है। अमेरिका में 487 और चीन में 301 यूनिकॉर्न हैं। भारत अब ब्रिटेन (39) से आगे निकल चुका है।
इसके अलावा, भारत करीब 60,000 स्टार्टअप के साथ तीसरा बड़ा स्टार्टअप परिवेश वाला देश बन गया है। ये स्टार्टअप न सिर्फ नवोन्मेषी समाधान एवं तकनीक लेकर आ रहे हैं बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार भी दे रहे हैं। पैदा कर रहे हैं।