एजेंसी, पेरिस (फ्रांस)।
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 03 Jan 2022 04:21 AM IST
सार
पिछले साल सबसे ज्यादा पत्रकार उत्पीड़न का शिकार बने। हांगकांग समेत चीन में 127 पत्रकारों को हिरासत में लिया गया।
सांकेतिक तस्वीर….
– फोटो : पिक्साबे
बीते साल 2021 में पत्रकारों के उत्पीड़न का नया रिकॉर्ड बना और उन्हें हिरासत में लेने के 488 मामले दर्ज किए गए। इनमें भी सबसे ज्यादा 127 मामले चीन में दर्ज हुए। वह लगातार पांचवें साल सूची में सबसे ऊपर रहा।
पेरिस आधारित अंतरराष्ट्रीय संगठन ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ (आरएसएफ) ने वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि वह 1995 से पत्रकारों के उत्पीड़न का रिकॉर्ड रखता है। पिछले साल सबसे ज्यादा पत्रकार उत्पीड़न का शिकार बने। हांगकांग समेत चीन में 127 पत्रकारों को हिरासत में लिया गया।
म्यांमार में 53, वियतनाम में 43 और बेलारूस में 32 पत्रकारों को हिरासत में लिया गया। आरएसएफ ने कहा कि यह दुनिया में सत्ता पर काबिज शक्तियों में बढ़ती तानाशाही का प्रमाण है।
मार्च में म्यांमार में सेना के खिलाफ चल रहा प्रदर्शन कवर करने गए स्वतंत्र पत्रकार की हिरासत में मौत हो गई थी। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, संभवत: उसकी मृत्यु पूछताछ के दौरान पिटाई करने से हुई।
विस्तार
बीते साल 2021 में पत्रकारों के उत्पीड़न का नया रिकॉर्ड बना और उन्हें हिरासत में लेने के 488 मामले दर्ज किए गए। इनमें भी सबसे ज्यादा 127 मामले चीन में दर्ज हुए। वह लगातार पांचवें साल सूची में सबसे ऊपर रहा।
पेरिस आधारित अंतरराष्ट्रीय संगठन ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ (आरएसएफ) ने वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि वह 1995 से पत्रकारों के उत्पीड़न का रिकॉर्ड रखता है। पिछले साल सबसे ज्यादा पत्रकार उत्पीड़न का शिकार बने। हांगकांग समेत चीन में 127 पत्रकारों को हिरासत में लिया गया।
म्यांमार में 53, वियतनाम में 43 और बेलारूस में 32 पत्रकारों को हिरासत में लिया गया। आरएसएफ ने कहा कि यह दुनिया में सत्ता पर काबिज शक्तियों में बढ़ती तानाशाही का प्रमाण है।
मार्च में म्यांमार में सेना के खिलाफ चल रहा प्रदर्शन कवर करने गए स्वतंत्र पत्रकार की हिरासत में मौत हो गई थी। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, संभवत: उसकी मृत्यु पूछताछ के दौरान पिटाई करने से हुई।
Source link
Share this:
-
Click to share on Facebook (Opens in new window)
-
Like this:
Like Loading...