न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Mon, 22 Nov 2021 09:27 PM IST
सार
आईआईटी मुंबई की जनधन खाता योजना पर तैयार रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी बैंक ने अप्रैल, 2017 से सितंबर, 2020 के दौरान जनधन योजना के तहत खोले गए साधारण बचत खातों से यूपीआई और रुपे लेनदेन के लिए शुल्क के रूप में कुल 254 करोड़ से ज्यादा वसूले थे।
एसबीआई ने अप्रैल, 2017 से दिसंबर, 2019 के बीच प्रधानमंत्री जनधन योजना के खाताधारकों से डिजिटल भुगतान शुल्क के रूप में अनुचित तरीके से वसूले गए 164 करोड़ रुपये अभी तक नहीं लौटाए हैं। गरीबों को यह रकम लौटाने के सरकार के निर्देश के बावजूद बैंक ने सिर्फ 90 करोड़ रुपये ही वापस किए हैं। हालांकि, एसबीआई ने इस खबर का खंड़न किया है। बैंक ने बयान जारी कर कहा कि आज एक खबर आई है कि एसबीआई डिजिटल ट्रांजेक्शन पर ग्राहकों से वसूले गए शुल्क को वापस नहीं कर रहा है। हम पुष्टि करते हैं कि बैंक इस संबंध में सरकार और नियामक निर्देशों का पूर्ण अनुपालन कर रहा है।
आईआईटी मुंबई की जनधन खाता योजना पर तैयार रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी बैंक ने अप्रैल, 2017 से सितंबर, 2020 के दौरान जनधन योजना के तहत खोले गए साधारण बचत खातों से यूपीआई और रुपे लेनदेन के लिए शुल्क के रूप में कुल 254 करोड़ से ज्यादा वसूले थे। अन्य बैंकों के उलट एसबीआई एक जून, 2017 के बाद से एक महीने में चार से अधिक निकासी पर 17.70 रुपये प्रति लेनदेन शुल्क ले रहा था।
इस जबरन वसूली की अगस्त, 2020 में वित्त मंत्रालय से शिकायत की गई थी। इसके बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 30 अगस्त, 2020 को बैंकों से एक जनवरी, 2020 से खाताधारकों से लिए शुल्क को वापस करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि भविष्य में ऐसा कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा। इसके बाद बैंक ने 17 फरवरी, 2021 से शुल्क लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
विस्तार
एसबीआई ने अप्रैल, 2017 से दिसंबर, 2019 के बीच प्रधानमंत्री जनधन योजना के खाताधारकों से डिजिटल भुगतान शुल्क के रूप में अनुचित तरीके से वसूले गए 164 करोड़ रुपये अभी तक नहीं लौटाए हैं। गरीबों को यह रकम लौटाने के सरकार के निर्देश के बावजूद बैंक ने सिर्फ 90 करोड़ रुपये ही वापस किए हैं। हालांकि, एसबीआई ने इस खबर का खंड़न किया है। बैंक ने बयान जारी कर कहा कि आज एक खबर आई है कि एसबीआई डिजिटल ट्रांजेक्शन पर ग्राहकों से वसूले गए शुल्क को वापस नहीं कर रहा है। हम पुष्टि करते हैं कि बैंक इस संबंध में सरकार और नियामक निर्देशों का पूर्ण अनुपालन कर रहा है।
आईआईटी मुंबई की जनधन खाता योजना पर तैयार रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी बैंक ने अप्रैल, 2017 से सितंबर, 2020 के दौरान जनधन योजना के तहत खोले गए साधारण बचत खातों से यूपीआई और रुपे लेनदेन के लिए शुल्क के रूप में कुल 254 करोड़ से ज्यादा वसूले थे। अन्य बैंकों के उलट एसबीआई एक जून, 2017 के बाद से एक महीने में चार से अधिक निकासी पर 17.70 रुपये प्रति लेनदेन शुल्क ले रहा था।
इस जबरन वसूली की अगस्त, 2020 में वित्त मंत्रालय से शिकायत की गई थी। इसके बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 30 अगस्त, 2020 को बैंकों से एक जनवरी, 2020 से खाताधारकों से लिए शुल्क को वापस करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि भविष्य में ऐसा कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा। इसके बाद बैंक ने 17 फरवरी, 2021 से शुल्क लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
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