सार
गंभीर आपराधिक मामलों में यदि दलवार स्थिति का आकलन करें तो समाजवादी पार्टी यहां भी अव्वल है, पार्टी ने 21 ऐसे उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जिन पर गंभीर किस्म के आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा के ऐसे माननीयों की संख्या 20 है। बसपा की 18 तो कांग्रेस की दस, आम आदमी पार्टी के 11 प्रत्याशियों इस तरह के मुकदमे हैं।
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विस्तार
समाजवादी पार्टी ने सबसे अधिक 52 फीसदी दागी उम्मीदवारों को टिकट दी है। वह करोड़पति उम्मीदवारों की सूची में भी शीर्ष पर है। सपा ने 58 में से 30 बाहुबलियों को टिकट दिए हैं। जबकि भाजपा ने 55 में से 25 यानी 46 फीसदी बाहुबलियों पर भरोसा जताया है। उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने मंगलवार को तीसरे चरण की रिपोर्ट जारी की।
इस चरण में 627 प्रत्याशी खड़े हैं लेकिन चार प्रत्याशियों के शपथपत्र स्पष्ट न होने के कारण विश्लेषण नहीं किया गया है। तीसरे चरण में 59 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव होना है। 623 में से 135 यानी 22 प्रतिशत ने अपने ऊपर आपराधिक मामलों का खुलासा किया है। 103 ने गंभीर किस्म के आपराधिक मामलों का खुलासा किया है। इसमें बसपा ने 59 में 23 यानी 39 फीसदी।
वहीं, सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने भी राज्य में अपनी साख बचाने का जिम्मा उन्हीं को दिया है। पार्टी ने इस चरण में 20 दागियों को यानी 36 फीसदी को टिकट दिया है। वहीं, ईमानदारी और स्वच्छ राजनीति का दम भरने वाली आम आदमी पार्टी ने भी 49 टिकटों में 11 आपराधिक मामले वालों को चुना है।
गंभीर आपराधिक मामलों में यदि दलवार स्थिति का आकलन करें तो समाजवादी पार्टी यहां भी अव्वल है, पार्टी ने 21 ऐसे उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जिन पर गंभीर किस्म के आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा के ऐसे माननीयों की संख्या 20 है। बसपा की 18 तो कांग्रेस की दस, आम आदमी पार्टी के 11 प्रत्याशियों इस तरह के मुकदमे हैं।