वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Fri, 04 Mar 2022 11:30 AM IST
सार
हमले के बाद संयंत्र में आग लग गई है। हालांकि संयंत्र के उपकरणों को नुकसान नहीं पहुंचने की भी खबर है। ऐसे में आइये जानते हैं यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र की बड़ी बातें :
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विस्तार
यूक्रेन के जपोरिजिया परमाणु बिजली संयंत्र (Zaporizhzhia NPP) पर रूसी हमले के बाद वहां विकिरण का बड़ा खतरा पैदा हो गया है। संयंत्र पर रूसी मिसाइल से हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन व ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने अपने यूक्रेनी समकक्ष वोलोदिमिर जेलेंस्की से फोन पर बात की। इस संयंत्र पर अब रूस ने कब्जा कर लिया है।
हमले के बाद संयंत्र में आग लग गई। हालांकि संयंत्र के उपकरणों को नुकसान नहीं पहुंचने की भी खबर है। ऐसे में आइये जानते हैं यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र की बड़ी बातें :
- यह संयंत्र यूक्रेन में जपोरिजिया (Zaporizhzhia) प्रांत के एनरहोदर शहर में स्थित है।
- यूरोप के सबसे बड़े व विश्व के नवें बड़े परमाणु संयंत्र की स्थापना 1984 से 1995 के बीच हुई।
- संयंत्र में छह इकाइयां हैं। प्रत्येक में 950-950 मेगावाट बिजली पैदा होती है। कुल उत्पादन 5700 मेगावाट है।
- इस संयंत्र में यूक्रेन की जरूरत की एक चौथाई बिजली पैदा होती है।
- यह संयंत्र दक्षिण-पूर्व यूक्रेन में एनरहोदर शहर में नीपर नदी पर काखोवका जलाशय के किनारे बना है।
- यह विद्रोहियों के कब्जे वाले डोनबास प्रांत से 200 किमी व राजधानी कीव से 550 किलोमीटर दूर है।
- शुक्रवार सुबह इस संयंत्र के बाहरी हिस्से में भीषण आग लग गई। यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा कि यहां रूसी विमानों ने गुरुवार रात बमबारी की थी।
- आग की सूचना एक कर्मचारी ने टेलीग्राम पर पोस्ट कर के दी। उसने दावा किया कि रूसी विमानों ने संयंत्र पर बमबारी की। इससे यूरोप के इस सबसे बड़े संयंत्र में परमाणु खतरा पैदा हो गया है।
- इसके बाद यूक्रेन के विदेश मंत्री ने रात 2:30 बजे ट्वीट कर आग लगने की पुष्टि की। उन्होंने अग्निशमन दल को तुरंत आग पर काबू पाने के लिए भी कहा।
- इसके कुछ देर बाद यूक्रेन की आपात सेवाओं के विभाग ने दावा किया कि संयंत्र पर विकिरण का स्तर सामान्य है।
- संयंत्र की तीसरी बिजली इकाई रात 2.26 बजे बंद हो गई थी। संयंत्र की छह इकाइयों में से सिर्फ एक, इकाई चार, अभी भी चल रही है।
- संयंत्र की तीसरी बिजली इकाई रात 2.26 बजे बंद हो गई थी। संयंत्र की छह इकाइयों में से सिर्फ एक इकाई नंबर चार, अभी भी चल रही है।
- आग की शुरुआती रिपोर्ट के बाद एशिया के पूंजी बाजारों में शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई और कच्चे तेल की कीमतें भी और चढ़ गईं।