सार
युद्ध के हालात और पलायन का दंश झेल रहे यूक्रेन के लोग मानसिक रूप से काफी टूट चुके हैं। अब शरणार्थी बन चुके ये लोग बात करने पर बस तबाही की दास्तां सुनाते हैं। वह बताते हैं कि यूक्रेन में लोग तहखानों में रात काटते हैं, दिन में भी जीवित बचे रहना ही उनके लिए बड़ी चुनौती की तरह है। खाने की किल्लत है। शहरों में घर-इमारत सब बमबारी की भेंट चढ़ गए हैं। कौन जाने बम कब कहां गिर जाए।
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विस्तार
बोंडारीवा 24 फरवरी से तहखाने में कैद रहने के बाद अब टूट चुकी है। उसने हाल ही में अपनी बहन से फोन पर जैसे-तैसे बात की, जो बमबारी में घिरी हुई है। पोलैंड के मेदिका शहर में पहुंची यूलिया बोंडारीवा ने बताया कि उसका सपना सिर्फ इतना है कि बहन बच जाए। वहां के हालात इतने खराब हैं कि फंसे हुए लोगों का जीवित बच पाना ही बड़ी चुनौती है।
लोगों का खुलकर बाहर घूमना तो दूर, वहां खाने-पीने तक की व्यवस्था नहीं है। मैरियूपोल से मेदिका पहुंची 77 वर्षीय शरणार्थी मारिया फियोदोरोवा ने कहा कि शहर का 90 फीसदी हिस्सा नष्ट हो गया है। उन्होंने कहा, वहां अब कोई इमारत शेष नहीं है।
जापान के साथ कुरील द्वीप पर शांति संधि वार्ता रुकी
जापान ने यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ टोक्यो के प्रतिबंधों के प्रतिशोध में विवादित कुरील द्वीप पर शांति संधि वार्ता को रोक दिया है। जापान ने और संयुक्त आर्थिक परियोजनाओं से हटने के रूस के फैसले की मंगलवार को निंदा की। होक्काइदो के उत्तर में स्थित द्वीप पर रूस के कब्जे को लेकर विवाद के कारण दोनों देशों ने द्वितीय विश्व युद्ध की शत्रुता को औपचारिक रूप से समाप्त करने वाली शांति संधि पर कभी हस्ताक्षर नहीं किए।
रूस ने युद्ध के खत्म होने के बाद कुरील द्वीप को अपने कब्जे में ले लिया था। मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाज़ु मात्सुनो ने कहा, मौजूदा स्थिति रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद पैदा हुई है, जो बेहद अनुचित और अस्वीकार्य है। जापान ने हाल के सप्ताहों में रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं।
रूस में विपक्षी नेता नवलनी को नौ साल कैद की सजा
इधर, रूस में विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी को धोखाधड़ी और अदालत की अवमानना का दोषी पाया गया है। उन्हें अधिकतम सुरक्षा वाली जेल में नौ साल कैद की सजा सुनाई गई है। उन्हें 12 लाख रूबल का जुर्माना भी चुकाना होगा। नवलनी फिलहाल मॉस्को के पूर्व में बनी एक जेल में ढाई साल की सजा काट रहे हैं।
वे लंबे समय से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। उनके सहयोगियों का कहना है कि नवलनी को सुनाई गई सजा, जब तक हो सके, उन्हें सलाखों के पीछे रखने का प्रयास है। मुकदमे की सुनवाई के दौरान नवलनी ने सभी आरोपों को फर्जी करार देते हुए नकार दिया था।